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फंसे लोगों को राज्यों में आने-जाने की छूट

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नई दिल्ली। भारत सरकार ने अलग-अलग राज्यों में फंसे सभी लोगों को आने-जाने की छूट दे दी है. इसमें तय किया गया है कि सभी राज्यों को प्रोटोकॉल का पालन और आपस में संपर्क कर लोगों की आवाजाही तय करनी होगी. केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद अब सभी राज्य अपने राज्य के दूसरे राज्यों में फंसे लोगों को  ला पाएंगे. वहीं  सभी राज्य अपने यहां फंसे दूसरे प्रदेशों के लोगों  को वहां भेज पाएगा।

नई गाइडलाइन आवाजाही को जारी की: गृह मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि सभी राज्य और केंद्रशासित प्रदेश को अपने यहां फंसे लोगों को उनके गृह राज्यों में भेजने और दूसरी जगहों से अपने यहां के लोगों को लाने के लिए स्टैंडर्ड प्रॉटोकॉल तैयार करना होगा.  बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र जैसे कुछ राज्यों की मांग के बाद गृह मंत्रालय ने अलग-अलग स्थानों पर फंसे हुए प्रवासी मजदूरों, तीर्थयात्रियों, पर्यटकों और छात्रों की आवाजाही के लिए नई गाइडलाइन तैयार की है। 

आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करना अनिवार्य: राज्य और केंद्रशासित प्रदेश इस काम के लिए नोडल अथॉरिटीज नामित करेंगे और फिर ये अथॉरिटीज अपने-अपने यहां फंसे लोगों का रजिस्ट्रेशन करेंगी.

राज्यों को रखना होगा आपस में  सम्पर्क:  जिन राज्यों के बीच लोगों की आवाजाही होनी है, वहां की अथॉरिटीज एक दूसरे से संपर्क कर सड़क के जरिए लोगों की आवाजाही तय करेंगी। जिन लोगों को अपने घर जाने की अनुमति मिलेगी, उन्हें अपने फोन में आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करना होगा। हालांकि ये देखने वाली बात होगी कि सभी मजदूरों के पास इस ऐप को डाउनलोड करने के लिए स्मार्ट फोन है या नहीं.

सबकी होगी स्क्रीनिंग :  घर जाने वाले सभी लोगो की स्क्रीनिंग की जाएगी। अगर उनमें कोविड-19 के कोई लक्षण नहीं दिखेंगे तो उन्हें जाने की अनुमति मिलेगी