देश के लाल को अंतिम विदाई, लोगों का लगा तांता
मीडिया लाइव, रामनगर: भारतीय सेना के जवान यशपाल रावत को आज अंतिम विदाई दी गई। रामनगर स्थित पीरु मदारा में सेना के वाहन से दिन में करीब 12 बजे तिरंगे में लिपटे ताबूत को जैसे ही उतारा गया, जवान को श्रद्धांजलि देने के लिए और एक झलक देखने के लिए मौजूद भारी जन समूह का तांता लग गया। गांव से आए हुए लोगों और रिश्ते नाते दारों सहित परिवार के लोगों में कोहराम मच गया।
पत्नी बच्चे और यशपाल की मां और भाइयों का रोरो कर बुरा हाल था। मां रणी देवी के लिए जवान बेटे की मौत पर यकीन करना नामुमकिन सा हो रहा था। वह बार-बार अपने भाग्य को कोस रहीं थी। वहीं पत्नी शोभा बेटे सूजल रावत बेटी सृष्टि बेसुध हो जा रही थी। भाई जसवंत सिंह रामपाल सिंह कृपाल सिंह बेहद गम जदा थे। इस बीच कॉलोनी के लोग उन्हें ढांढस बंधाने की कोशिश करते रहे।
दोपहर 2:30 बजे के करीब सैनिक के पार्थिव शरीर को रामनगर स्थित श्मशान घाट ले जाया गया। जहां पूरे सैनिक सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई। उनके बेटे सुजल ने अपने पिता को मुखाग्नि दी। इस मौके पर सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र के तमाम गणमान्य लोगों की बड़ी संख्या श्मशान घाट पर सैनिक को श्रद्धांजलि देने के लिए उमड़ पड़ी। स्थानीय पुलिस प्रशासन भी वहां मौजूद रहा।
गांव तोल्युं से सैनिक को श्रद्धांजलि और अंतिम विदाई देने के लिए पहुंचे उनके मित्र और गांव के भाइयों में से मनमोहन रावत ने बताया कि उनके लिए यकीन करना मुश्किल हो रहा है कि उनके साथ पला बढ़ा उनका एक बालसखा उनसे हमेशा हमेशा के लिए दूर चला गया है। उन्होंने बताया कि यशपाल अपने स्कूल टाइम से ही वॉलीबॉल के बहुत अच्छे खिलाड़ी थे। लेकिन उनके स्वास्थ्य में अचानक गिरावट आने के कारण वे जिंदगी की जंग हार गए। जिससे पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है।