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गोरखपुर लोकसभा सीट: ब्राह्मण-ठाकुर और निषाद वोटरों का वर्चस्व किसके हाथ लगेगी जीत

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योगी आदित्यनाथ के गढ़ गोरखपुर में लोकसभा चुनाव की लड़ाई दिलचस्प हो गई है. कांग्रेस ने भी यहां पर ‘ब्राह्मण दांव’ चल दिया है. इसलिए बीजेपी की चुनौती और भोजपुरी अभिनेता रवि किशन की बेचैनी दोनों बढ़ गई है. अब बीजेपी की निगाह किसी तरह निषाद वोटरों को लुभाने पर है. बीजेपी नेता उम्मीद कर रहे थे कि उप चुनाव की तरह इस बार भी कांग्रेस शायद मुस्लिम प्रत्याशी उतारेगी. लेकिन उसने मधुसूदन तिवारी के रूप में ब्राह्मण कार्ड खेलकर महागठबंधन की राह पहले से थोड़ी आसान कर दी है.

ब्राह्मण-ठाकुर की जंग वाली इस सीट पर यह लड़ाई ‘जूताकांड’ के बाद अब और मजबूत हो गई है. ऊपर से एक ठाकुर प्रत्याशी के रूप में हिंदू युवा वाहिनी के बागी प्रदेश अध्यक्ष सुनील सिंह प्रवीण तोगड़िया की पार्टी हिंदुस्तान निर्माण दल के प्रत्याशी हैं. सवर्ण वोटरों का विभाजन कांग्रेस प्रत्याशी भी करेगा. गोरखपुर में हुए पिछले चार लोकसभा चुनाव का परिणाम देखें तो कांग्रेस कुछ खास नहीं कर पाई है. कांग्रेस यहां 18 से लेकर 45 हजार तक वोट तक ही लेती रही है. लेकिन गोरखपुर की सियासत के जानकार बता रहे हैं कि इस बार के समीकरण में इतना वोट भी बड़ा उलटफेर कर सकते हैं.