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पीएम मोदी के आह्वान पर चार गांव आरोग्य सेतु से पूरी तरह लैस

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मीडियालाईव : उत्‍तरकाशी जिले में स्वैछिक संगठनों की साझा कोशिशें कोरोना संकट से लड़ने में मददगार साबित हो रही हैं। आपदा प्रबंधन जन मंच की ऐसी ही एक कोशिश के चलते जिले के चार गांव पूरी तरह आरोग्‍य सेतु ऐप से लैस हो गए हैं। दावा है कि राज्‍य में यह पहला उदाहरण है जब गांव का हर स्‍मार्टफोन युक्‍त परिवार आरोग्‍य सेतु ऐप का उपयोग कर रहा है। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में प्रधानमंत्री के आह्वान को स्‍वीकार करते हुए ग्रामीण इसमें काफी रूचि ले रहे हैं।

ग्राम पंचायत जिनेथ ,बान्दू , साड्ग एवं नैपड़ ऐसी पंचायत बनी जहा सौ प्रतिशत स्मार्ट फोन धारकों के मोबाइल में आरोग्य सेतु एप इंस्टॉल किया गया है। हिमालय पर्यावरण जड़ी बूटी ऐग्रो संस्‍थान के सचिव द्वारिका सेमवाल के मुताबिक वर्तमान में नैपड़ ग्राम पंचायत मे 42 परिवार हैं जिनमे से 20 परिवारो के स्मार्ट फ़ोन को आरोग्य सेतू एप युक्त बना दिया है।

साड्ग ग्राम पंचायत मे 27 परिवारों के 32 स्मार्ट फ़ोन को आरोग्य सेतू एप युक्त गावँ बन गया है। जीनेथ ग्राम पंचायत मे 70 परिवार है उनमे से 58 परिवार के स्मार्ट फ़ोन है उनको आरोग्य एप युक्त कर दिया है। जबकि बांदू  ग्राम पंचायत मे 27 परिवारो मे से 24 के फ़ोन आरोग्य सेतू एप युक्त बने है।

उन्‍होंने बताया कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए आरोग्य सेतु ऐप को सरकार ने सबसे अहम हथियार बताया है। आरोग्य सेतु एप एक कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग ऐप है। कोरोना वायरस के संक्रमण को ट्रेस करने के लिए केवल भारत ही नहीं, बल्कि कई देश इस तरह के ऐप की मदद ले रहे है।

ऊत्तरकाशी आपदा प्रबंधन जन मंच के साथी संगठनों रिलायंस फाउंडेशन, हिमालय पर्यावरण जड़ी बुटी एग्रो संस्थान जाडी, रेणुका समिति, श्री भुवनेश्वरी महिला आश्रम, कर्तव्य फाउंडेशन आदि अन्‍य गांवों में भी इस तरह की कोशिशों में जुटे हैं। ये पूरे राज्य मे पहले गावँ है  जहा शत प्रतिशत  मोबाईल मे आरोग्य सेतू एप स्टाल किये गये है।