ट्रांसफर रुकवाने में जुटे कई अफसर, वन मंत्री सुबोध बोले- दबाव में नहीं आऊंगा
देहरादून: फॉरेस्ट डिपार्टमेंट में (Uttarakhand Forest Department) में कुछ दिन पहले ही बड़ी संख्या में आईएफएस अधिकारियों के तबादले हुए थे। इसके बाद अब कभी भी दूसरी सूची जारी हो सकती है। लेकिन उत्तराखंड में अफसशाही की जो परंपरा है, उसका किसी भी सरकार का कुछ पर कोई फर्क नहीं पड़ता। अब चर्चा जोरों पर है कि हाल ही में जिन अधिकारियों के तबादलों की सूची जारी हो चुकी है, उनमें से कई अफसर अपनी तैनाती रुकवाने की कोशिशों में लगे हैं। वहीं इस चर्चा पर वन मंत्री सुबोध उनियाल का साफ कहना है कि स्थानांतरण को पारदर्शी बनाना हमारी प्राथमिकता है। इसके लिए कोई दबाव सहन नहीं किया जाएगा।
अब खबर विस्तार से : प्रदेश में फॉरेस्ट सर्विस के अधिकारियों का लंबे समय बाद स्थानांतरण (Uttarakhand IFS Officer Transfer) किया गया, तो कई अफसर अपनी नई तैनाती को रुकवाने की जद्दोजहद में जुट गए हैं. खबर है कि वन मंत्री सुबोध उनियाल पर तबादलों को रोके जाने का बड़ा दबाव आ रहा है। हालांकि सुबोध उनियाल ये साफ कर चुके हैं कि जो तबादले हुए हैं, वह पूरी तरह से पारदर्शी हैं और उन में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।
बता दें कि वन विभाग में वन मुख्यालय से लेकर जिलों में डीएफओ तक की जिम्मेदारियों में बदलाव किया गया है। ऐसे में कई अफसर हैं जो नई तैनाती से खुश नहीं हैं और वह अब हर हथकंडा अपनाकर अपनी तैनाती के आदेश को रुकवाना चाहते हैं। वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि कुछ रिक्त पदों पर अभी दूसरी सूची जारी हो सकती है और सामान्य तबादले किए जा सकते हैं। खास बात यह है कि उन्होंने इस बार भी तबादलों को पूरी तरह से निष्पक्ष और पारदर्शी बताया।