आईटीबीपी के जवान को दी अंतिम सलामी
मीडिया लाइव, किच्छा: मृतक जवान जमीर अहमद (54) का शव लेकर आईटीबीपी की गाड़ी सोमवार देर रात उनके घर उत्तराखंड के किच्छा पहुंची तो परिजनों में कोहराम मच गया। तिरंगे में लिपटे ताबूत से लिपटकर परिवार बिलखता रहा। पार्थिव देह के साथ आए आईटीबीपी के अधिकारियों ने जवान की टोपी मृतक के पुत्र सनाउल मुस्तफा को सौंपी।
इसके इस के बाद सनाउल बिलख-बिलख कर रो पड़े। बाद में वह काफी देर तक पिता की कैप को चूम-चूम कर रोते रहे। वहीं मृतक की बेटी शहनाज भी बार-बार बेहोश हो रही थी।
इस बीच देर रात सैकड़ों की संख्या में उमड़ी भीड़ ने जवान के अंतिम दर्शन कर श्रद्धांजलि दी। कब्रिस्तान में हल्दूचौड़ से आई आईटीबीपी की टीम ने जवान को अंतिम सलामी दी। देर रात ही जवान के शव को सुपुर्दे खाक कर दिया गया। जमीर अहमद मूल रूप से बरेली के रहने वाले थे।
बता दें कि दोकलाम में तैनात जमीर अहमद की ड्यूटी के दौरान अचानक तबीयत खराब होने के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया था, जहां शनिवार को उनकी मौत हो गई थी। अरुणाचल प्रदेश से उनके पार्थिव देह को दिल्ली तक विशेष विमान से लाया गया। उसके बाद सड़क मार्ग से देर रात उनका शव सेना के वाहन से उनके घर लाया गया।
पिता के इंतकाल के बाद भी जमीर अहमद की बेटी ने अपने जज्बातों पर काबू पाते हुए सोमवार को दिन में सूरजमल कॉलेज में बीएड फाइनल की परीक्षा दी। शहनाज सुबह अपने भाई सनाउल के साथ महाविद्यालय पहुंची और बीएड की परीक्षा दी। शहनाज शिक्षिका बनना चाहती हैं। इधर, उनके आवास पर शोक जताने वालों का तांता लगा हुआ है।