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भू-कानून संशोधन विधेयक को कैबिनेट की मंजूरी…

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मीडिया लाइव, देहरादून: राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में सशक्त भू-कानून संशोधन विधेयक को मंजूरी मिल गई है। इस बैठक के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश की जनता की लंबे समय से उठ रही मांग और उनकी भावनाओं का सम्मान करते हुए कैबिनेट ने सख्त भू-कानून को मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक कदम राज्य के संसाधनों, सांस्कृतिक धरोहर और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करेगा, साथ ही प्रदेश की मूल पहचान को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार जनता के हितों के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है और उनके विश्वास को कभी टूटने नहीं देगी। इस निर्णय से स्पष्ट है कि सरकार राज्य और उसकी संस्कृति की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करेगी। यह कानून प्रदेश के मूल स्वरूप को बनाए रखने में भी सहायक सिद्ध होगा।

नए भू-कानून के प्रमुख प्रावधान:

  1. 2018 के प्रावधान निरस्त: पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार द्वारा 2018 में लागू किए गए सभी प्रावधानों को नए कानून में समाप्त कर दिया गया है।
  2. बाहरी व्यक्तियों पर भूमि खरीद प्रतिबंध: हरिद्वार और उधम सिंह नगर को छोड़कर, उत्तराखंड के 11 अन्य जिलों में राज्य के बाहर के व्यक्ति हॉर्टिकल्चर और एग्रीकल्चर की भूमि नहीं खरीद सकेंगे।
  3. पहाड़ी क्षेत्रों में चकबंदी और बंदोबस्ती: पहाड़ी इलाकों में भूमि का सही उपयोग सुनिश्चित करने और अतिक्रमण रोकने के लिए चकबंदी और बंदोबस्ती की जाएगी।
  4. जिलाधिकारियों के अधिकार सीमित: जिलाधिकारी व्यक्तिगत रूप से भूमि खरीद की अनुमति नहीं दे पाएंगे। सभी मामलों में सरकार द्वारा बनाए गए पोर्टल के माध्यम से प्रक्रिया होगी।
  5. ऑनलाइन पोर्टल: प्रदेश में जमीन खरीद के लिए एक पोर्टल बनाया जाएगा, जहां राज्य के बाहर के किसी भी व्यक्ति द्वारा की गई जमीन खरीद को दर्ज किया जाएगा।
  6. शपथ पत्र अनिवार्य: राज्य के बाहर के लोगों को जमीन खरीदने के लिए शपथ पत्र देना अनिवार्य होगा, जिससे फर्जीवाड़ा और अनियमितताओं को रोका जा सके।
  7. नियमित रिपोर्टिंग: सभी जिलाधिकारियों को राजस्व परिषद और शासन को नियमित रूप से भूमि खरीद से जुड़ी रिपोर्ट सौंपनी होगी।
  8. नगर निकाय सीमा के भीतर भू उपयोग: नगर निकाय सीमा के अंतर्गत आने वाली भूमि का उपयोग केवल निर्धारित भू उपयोग के अनुसार ही किया जा सकेगा। यदि कोई व्यक्ति नियमों के खिलाफ जमीन का उपयोग करता है, तो वह जमीन सरकार में निहित हो जाएगी।

नए कानून का प्रभाव:

सरकार को भूमि खरीद-बिक्री पर अधिक नियंत्रण प्राप्त होगा, जिससे अनियमितताओं पर रोक लगेगी।

इस कानून से उत्तराखंड में बाहरी लोगों द्वारा अंधाधुंध भूमि खरीद पर रोक लगेगी।

पहाड़ी क्षेत्रों में भूमि का बेहतर प्रबंधन होगा, जिससे राज्य के निवासियों को अधिक लाभ मिलेगा।

भूमि की कीमतों में अप्राकृतिक बढ़ोतरी पर नियंत्रण रहेगा और राज्य के मूल निवासियों को भूमि खरीदने में सहूलियत होगी।