उत्तराखण्ड न्यूज़संस्कृति-पर्यावरणसाहित्य-बोली-भाषा

अल्मोड़ा सांस्कृतिक एवं प्रबुद्वजनों की नगरी है

FacebookTwitterGoogle+WhatsAppGoogle GmailWeChatYahoo BookmarksYahoo MailYahoo Messenger

मीडिया लाइव, अल्मोड़ा : सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा में पर्यटन, संस्कृति व साहित्यिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के उददेश्य से आज उत्तराखण्ड सेवानिधि में साहित्यिक संध्या (लिटरेचर फैस्टेवल) का आयोजन किया गया। इस लिक्टेचर फैस्टीवल में विभिन्न क्षेत्रों से सम्बन्धित वक्ताओं ने अपने-अपने विचार रखें। इस अवसर पर जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने कहा कि अल्मोड़ा सांस्कृतिक एवं प्रबुद्वजनों की नगरी है तथा यहा पर अनेक महान व्यक्तियों ने जन्म लेने के साथ ही यहा का भ्रमण किया है इसी कारण अल्मोड़ा अपने आप में एक विशिष्ट पहचान रखता है। उन्होंने कहा कि साहित्यिक फैस्टीवल का आयोजन का उददेश्य है कि लोगो को साहित्यिक क्षेत्र का अनुभव हो सके।

इस अवसर पर नगरपालिका अध्यक्ष प्रकाश चन्द्र जोशी ने उपस्थित लोगो को सम्बोधित करते हुए कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों से लोगो का आकर्षण साहित्यिक क्षेत्र में होगा। उन्होंने कहा कि अल्मोड़ा अपने आप में साहित्यिक क्षेत्र में भी एक विशिष्ट पहचान रखता है। कार्यक्रम में डा. कपिलेश भोज ने अल्मोड़ा को सांस्कृतिक नगरी क्यो कहा जाता है विषय पर अपना वक्तव्य रखा और कहा कि विभिन्न साहित्यकारों द्वारा इस नगरी में अपना-अपना विशिष्ट योगदान दिया है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे उत्तराखण्ड आवासीय विश्वविद्यालय के कुलपति ने डा. एच.एस. धामी ने अपने विचार रखते हुए कहा कि अल्मोड़ा सांस्कृतिक नगरी के साथ-साथ साहित्यकारों की नगरी भी है। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजनो से हम अपनी सांस्कृतिक विरासत को बचा सकते है। उन्होंने कहा कि संस्कृति और साहित्य एक दूसरे से जुड़े है और हमे साहित्य का अध्ययन कर संस्कृति को आगे बढ़ाना होगा।

इस अवसर पर विभिन्न कवियों द्वारा हिन्दी, अंग्रेजी, कुमाऊनी व उर्दू कविताओं का पाठ किया गया जिसमें डा. देव सिंह पोखरियाल, नीरज पंत, धीरेन्द्र पाठक, नवीन बिष्ट, मीनू जोशी, मनी नमन, डा. महेन्द्र मेहरा आदि ने अपनी-अपनी कविताओ से उपस्थित लोगो को मंत्रमुग्ध किया। कार्यक्रम में उत्तराखण्ड सेवानिधि के निदेशक पदमश्री डा. ललित पाण्डे, दीवाकर भटट, डा. एस.ए. हामिद, अशोक पाण्डे, श्रीमती दीवा भटट आदि वक्ताओं ने विभिन्न विषयों पर सारगर्भित परिचर्चा की। मुख्य विकास अधिकारी मनुज गोयल ने उपस्थित सभी वक्ताओं व लोगो का आभार व्यक्त करते हुए इस गोष्ठी को सफल बनाने के लिए धन्यवाद किया।

कार्यक्रम में डा. जे.सी. भटट, त्रिभुवन गिरि, शेखर लखचैरा, डा. वसुधा पंत, परियोजना निदेशक नरेश कुमार, जिला विकास अधिकारी डी.डी. पंत, पर्यटन विकास अधिकारी राहुल चैबे, आबकारी अधिकारी दुर्गेश्वर त्रिपाठी, मुख्य शिक्षाधिकारी जगमोहन सोनी, डा. योगेश पुरोहित, डा. सविता हंयाकी, थ्रीश कपूर, जयमित्र बिष्ट, सभासद राजेन्द्र तिवारी, अधिशासी अधिकारी नगरपालिका श्याम सुन्दर प्रसाद के अलावा अन्य गणमान्य लोग व अनेक जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे। इस कार्यक्रम का संचालन विभु कृष्णा ने किया।