प्रीतम सिंह को राष्ट्रीय स्तर पर बड़ा दायित्व मिलने से सकते में हैं विरोधी , कांग्रेस छोड़ने की फैला रहे अफवाहें ?
मीडिया लाइव, देहरादून:- उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व प्रदेश अध्यक्ष पूर्व नेताप्रतिपक्ष प्रीतम सिंह को लेकर कांग्रेस छोड़ने के कथित कयासों का दौर जारी है। लेकिन खुद प्रीतम सिंह ने कहा कि यह बात कहाँ से निकलकर आ रही है। इसका उन्हें कोई पता नहीं है। पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि आखिर कौन इस तरह कि अफवाहें फैला कर अपना उल्लू सीधा करना चाह रहा है। इसका फायदा किसे होने वाला है। उन्होंने कहा मैं देहरादून और अपने विधानसभा क्षेत्र में बना हुआ हूँ।
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गौरतलब है कि कॉग्रेस की अंदरूनी कलह थमती नजर नहीं आ रही हैं। दरअसल कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने 70 विधानसभा में से सभी जिलों के ज़िला अध्यक्षों और फ्रंन्टियर्स के साथ रविवार को मीटिंग बुलाई थी, लेकिन इस बैठक में बमुश्किल 15 ज़िलाध्यक्ष पहुंचे। यह हाल तब है जब प्रदेश अध्यक्ष पार्टी को नई दिशा देने की बात कर रहे हैं। ऐसा क्यों हो रहा है इसका साफ़ साफ़ अंदाजा कोई भी नहीं लगा पा रहा है। सोशल मीडिया और मीडिया में सिर्फ और सिर्फ कई तरह कि अटकलें लगाई जा रही हैं।
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पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने राज्य में पार्टी को संभालने के लिए करन माहरा को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। उन्होंने जिम्मेदारी संभालते ही पार्टी में जान फूंकने को लेकर अपने इरादे तो जाता दिए थे लेकिन , उसका ज्यादा असर होता नहीं दिख रहा है। अपने घोषित कार्यक्रम के तहत महरा ने ज़िलाअध्यक्षों के साथ रविवार को हुई पहली मीटिंग में 70 विधानसभा से फ्रंटियर्स और ज़िलाअध्यक्षों को बुलाया गया, लेकिन ज्यादातर लोगों को इसमें शामिल होना जरूरी नहीं लगा। इस मीटिंग में पार्टी की रणनीति और हार की समीक्षा हुई।
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साथ ही गढ़वाल के दौरे से पहले अध्यक्ष पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश भरने के साथ-साथ आगे की रणनीति बना रहे हैं। कांग्रेस से जुड़े कार्यकर्ता अभी भी हिम्मत नहीं हार रहे और करन माहरा के नेतृत्व में पंचायत चुनाव को मजबूती से लड़ने की तैयारी में हैं। वहीं कांग्रेस के मीडिया प्रभारी राजीव महर्षि से जब पार्टी अध्यक्ष करन महारा की बुलाई मीटिंग में इतनी कम उपस्थिति को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि यह मीटिंग बेहद शॉर्ट नोटिस पर बुलाई गई थी, इसलिए सभी पदाधिकारी और कार्यकर्ता इसमें शामिल नहीं हो सके।
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वहीं दूसरी ओर पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह की इस्तीफे की अफवाहों से रविवार को सियासी माहौल गरमा गया। कुछ पोर्टलों पर यह खबरें चल पड़ी कि प्रीतम ने इस्तीफा दे दिया है और अब वो उपचुनाव में अपने बेटे को उतारने जा रहे हैं। शाम अचानक शुरू हुई इन चर्चाओं ने कुछ ही समय के भीतर बड़ा रूप ले ले लिया। दून से दिल्ली तक कांग्रेस में फोन भी घनघनाने लगे। शाम प्रीतम ने एक बार फिर से इन अफवाहों को खारिज किया। इस बार प्रीतम ने सख्त रूख अपनाते हुए उनके इस्तीफे की खबर चलाने वाले पोर्टलों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का निर्णय किया है। बकौल प्रीतम मैंने अपने अपने वकील को कार्रवाई शुरू करने को कह दिया है।
तीन दिन के भीतर यह दूसरा मौका है जब प्रीतम को लेकर सियासी माहौल गरमाया है। कांग्रेस छोड़ने की खबरों को शुरू से खारिज करते आ रहे प्रीतम ने इस बार सख्त रुख अपनाया है। प्रीतम समर्थक इसे पार्टी के भीतर की खेमेबाजी के रूप में भी देख रहे हैं। हाईकमान की गुड बुक में शामिल प्रीतम राष्ट्रीय स्तर पर बड़ा ओहदा देने की बात चल रही है। माना जा रहा है कि एक लॉबी सुनियोजित तरीके से प्रीतम के खिलाफ माहौल तैयार कर रही है।
जिससे इस कवायद को प्रभावित किया जा सके। सूत्रों के अनुसार प्रीतम इस वक्त कांग्रेस के सभी गुटों के निशाने पर हैं। पूर्वसीएम हरीश रावत कैंप के साथ उनका 36 का बैर किसी से छिपा नहीं है। हाल में उन्होंने गुटबाजी के आरोपों पर राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल और प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव के खिलाफ भी मोर्चा खोला हुआ है।