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यमुना घाटी : बीजेपी-कांग्रेस के लिए ये निर्दलीय प्रत्याशी बना बड़ी चुनौती …

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मीडिया लाइव, उत्तरकाशी : उत्तरकाशी जिले की यमुनोत्री घाटी यूं तो नए साल से पहले ही अपनी बर्फीली चोटियों से बेहद ठंडी हो गयी है। लेकिन बावजूद इसके निकाय चुनाव के महौल ने यहाँ सियासी पारा बेहद गरम कर दिया है। यहां राज्य और केंद्र में सत्ता रूढ़ बीजेपी और और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के अलावा निर्दलीयों ने इस चुनाव को जीतने के लिए पूरी ताकत झोंकने का मन बना लिया है। बीजेपी जहाँ ट्रिपल इंजन के भरोसे विश्व की सबसे बड़ी सियासी पार्टी के नारे के साथ आगे बढ़ेगी। वहीं कांग्रेस सत्तापक्ष के काम-काज और उसकी नीतियों के तीखे विरोध को चुनावी हथियार के रूप में स्तेमाल करने के साथ ही बीजेपी के खिलाफ मैदान में उतर चुकी है।

यमुना घाटी की बड़कोट नगरपालिका अध्यक्ष सीट ओबीसी रिजर्व है। इस सीट पर बीजेपी ने कांग्रेस छोड़ कर आए अतोल रावत को प्रत्याशी बनाया है। तो वहीं कांग्रेस के विजय पाल रावत अध्यक्ष पद के प्रत्याशी हैं। जबकि यमुनोत्री से निर्दलीय विधायक संजय डोभाल के भाई सामाजिक कार्यकर्ता विनोद डोभाल निर्दलीय के रूप में मैदान में हैं। इनके अलावा भी राजा राम जगूड़ी,और पूर्व में चुनाव लड़ चुके सुनील थपलियाल सहित अब कुल 8 प्रत्याशी चुनाव रण में रह गए हैं। जबकि काफी सशक्त बताये जा रहे एक और निर्दलीय प्रत्याशी कपिल देव का नामांकन ख़ारिज हो गया है। इससे इस चुनाव पर बड़ा असर पड़ने की बात सामने आ रही है। इसके पीछे कई राजनीतिक निहितार्थ निकाले जा रहे हैं।

इस चुनाव पर बारीक नजर रखने वाले वरिष्ठ स्थानीय पत्रकार अनिल असवाल ने बताया कि बड़कोट में कपिल देव के चुनाव मैदान से दूर होने का लाभ किसको और किस रूप में मिलेगा इस पर भी यहाँ बड़ी बड़ी कयासबाजियां तेज हो गयी हैं। यहाँ तक कि बीजेपी प्रत्याशी अतोल रावत और कपिल देव के बीच तीखी बयान बाजियां भी सामने आ रही हैं। वहीं नामांकन करवाने वाले एक अन्य निर्दलीय उम्मीदवार को बीजेपी ने अपने पाले में ला कर नाम वापसी करवाने में सफलता हासिल की है। लेकिन इसका उसे कितना लाभ मिलेगा यह कहना थोड़ा जल्दबाजी होगी। बीजेपी प्रत्याशी अतोल रावत के पास नगर पालिका अध्यक्ष होने का अनुभव है।

मीडिया लाइव से बातचीत में पत्रकार असवाल ने बताया यहाँ दूसरी तरफ बीजेपी कांग्रेस के इतर सबसे सशक्त प्रत्याशी के रूप में निर्दलीय विनोद डोभाल को देखा जा रहा है। डोभाल काफी लम्बे समय से निकाय चुनाव की तैयारियों में जुटे हुए थे। नामांकन के मौके पर उनके साथ मौजूद युवाओं की बड़ी भीड़ ने इसकी तस्दीक भी की। अभी चुनाव प्रचार अभियान शुरूआती चरण में है। लिहाजा ज्यादा जल्दी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहंचा जा सकता। लेकिन चुनाव सिम्बल मिलते ही यह और आक्रामक दिखाई देगा।

वे बताते हैं कि डोभाल एक सफल कारोबारी होने के साथ ही बड़कोट के अलावा इस क्षेत्र में सामाजिक और राजनैतिक सरोकारों के साथ जुड़े रहते हैं। इस चुनाव के लिए उन्होंने काफी तैयारी की है। जहाँ तक बात चुनाव तैयारी की करें, तो बीजेपी कांग्रेस के पारम्परिक सदे हुए संगठन के सामने उन्होंने आम युवाओं को जोड़ने में काफी हद तक सफलता हासिल की है। यहाँ कई युवा उनके साथ सीधे तौर पर स्वरोजगार से भी जुड़े हैं। जो इस चुनाव में उनके लिए घर-घर जा कर चुनाव प्रचार में लग चुके हैं।

जेएनयू से पढ़ाई कर रहे एक युवा सचिन ने बताया कि पिछले दो विधानसभा चुनाव में उन्होंने खुद विनोद डोभाल के चुनावी प्रबंधन को देखा है। स्थानीय कॉलेज के छात्रों में भी उनकी अच्छी पकड़ है। शिक्षा और स्थानीय संस्कृति के साथ डोभाल खेल गतिविधियों में काफी सक्रीय रहते है। वे खुद बैडमिंटन जैसे ऊर्जावान खेल के शौक़ीन हैं और हर रोजाना उनके दिन की शुरुआत इसी खेल के साथ कोट में पसीना बहाकर होती है।

उधर कांग्रेस के विजय पाल को पार्टी संगठन व कैडर वोट का सहारा है। जबकि राजाराम जगूड़ी की भी नगर में अच्छी पकड़ बताई जा रही है। कुल मिलाकर इस सीट पर अध्यक्ष पद के लिए कुल 8 उम्मीदवार मैदान में डटे हुए हैं। आज चुनाव सिम्बल मिलाने के बाद यह चुनाव किस तरह की सक्ल इख्तियार करेगा इसके लिए अभी आने वाले दिनों का इन्तजार करना होगा।