उत्तराखण्ड न्यूज़खेती- किसानी

अब कहाँ लगाएं गुहार, बागवान पर पड़ी दोहरी मार

FacebookTwitterGoogle+WhatsAppGoogle GmailWeChatYahoo BookmarksYahoo MailYahoo Messenger

मीडिया लाइव, पौड़ी/बीरोंखाल : पहले जंगल की आग की चपेट में आने से सेव काश्तकार को नुक्सान पहुंचा, तो अब बचेखुचे पेड़ों और फूलों को आज हुई भारी बारिश और ओलावृष्टि ने बर्बाद कर दिया। बागवान पर यही कुदरत की दोहरी मार भारी पड़ती दिख रही है।

उत्तराखंड के पौड़ी जिले के बीरोंखाल ब्लॉक के जोगीमढी के मटकुंडा गाँव में एक सेव बागवान को मौसम की मार झेलनी पड़ी है।
यहाँ बीते तीन चार रोज पहले ही मौसम की गर्मी के बीच जंगल की आग से सेव के बगीचे में कई दर्जनों पेड़ों को क्षति पहुंची थी। वहीँ अब मौसम के बदले मिजाज ने सेव के फूलों से लदे बचे हुए पेड़ों को तहस नहस कर दिया है।

देहरादून और मैदानी भागों में जहाँ बारिश से ठंडी हवा चलने से लोगों को मौसम की सौगात मिली, तो वहीं दूसरी तरफ पहाड़ी जिलों में बागवानों को ओले गिरने से नुक्सान उठाने को मजबूर होना पड़ा है। ऊपरी इलाकों में बारिश, तेज हवा और ओलावृष्टि ने बागवानों के लिए मुसीबत बढ़ा दी है। ऊपरी इलाकों के बागवानों और फसलों को नुकसान पहुंचा है। तेज अंधड़ और ओलावृष्टि के कारण जिले के बीरोखाल ब्लॉक के बागवान मटकुंड गांव में निवासी विजयपाल सिंह चंद के सेब के पेड़ों की टहनियां टूट गई हैं और कई जगह पर छोटे पेड़ उखड़ गए, जिसके चलते इस साल इनके बगीचे में सेब का सीजन काफी प्रभावित होता दिख रहा है। इससे पहले यहाँ बगीचा जंगल की आग की चपेट में आगया था। जिससे बागवानी से सम्बन्धी सामान को भी क्षति पहुँची।

इस बारे में प्रभावित बागवान विजयपाल सिंह चंद ने ग्राम प्रधान के जरिये राजस्व विभाग को इसकी सूचना दे दी है। लेकिन अब तक इस दिशा में कोई प्रभावी कदम उठाने की जहमत उन्हें देखने को नहीं मिली है। उन्होंने बताया कि उनकी तरफ से जल्द ही जिला उद्यान विभाग से बगीचे में हुए नुक्सान के बदले में नयी पौध मुहैया कराने की गुहार लगाई जा रही है।