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उत्तराखंड पुलिस के जवान की पत्नी ने पत्रकार वार्ता कर लगाई इंसाफ की गुहार

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रूड़की: मंगलौर कोतवाली क्षेत्र के लिब्बरहेड़ी ग्राम में करीब दो माह पूर्व हुए झगड़े में इंसाफ ना मिलने पर उत्तराखंड पुलिस के जवान की पत्नी ने पत्रकार वार्ता कर मीडिया से इंसाफ दिलाने की गुहार लगाई है। इस दौरान पीड़िता महिला ने बताया कि वह लिब्बरहेड़ी ग्राम की निवासी है और उसका पति उत्तराखंड पुलिस में तैनात है। पीड़िता ने बताया करीब दो माह पूर्व जब वह घर पर अपने बच्चों के साथ थी तब गाँव के ही कुछ लोगों ने उनके घर पर आकर लाठी डंडों से लैस होकर उनके साथ मारपीट करी थी।

उन्होंने बताया कि इस दौरान उनके घर पर उनके रिश्तेदार भी आए हुए थे इन लोगों के द्वारा उनके साथ भी जमकर मारपीट की गई थी जिसमें उनके नंदोई का सिर में भी गंभीर चोटें आई थी और घर में भी जमकर तोड़फोड़ कर काफी नुकसान किया गया था जिसमें उनके पति ने भी छत पर भागकर अपनी जान बचाई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस से शिकायत के बाद भी मुकदमा दर्ज होने के बाद भी उन्हें इंसाफ नही मिला जिसके बाद करीब पूरे मामले की शिकायत पुलिस महानिदेशक और हरिद्वार वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से भी की गई लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नही हो पाई। उन्होंने आरोप लगाया कि आरोपी अब भी उन्हें लगातार धमकी दे रहे हैं कि तुम हमारा कुछ नही बिगाड़ पाई और गाँव से निकालने की धमकी भी दे रहे है जिससे वह भय वाली जिंदगी जीने को मजबूर है।

उन्होंने कहा कि वह गांव में अपने 9 वर्ष के पुत्र और 3 वर्ष की पुत्री के साथ रहती है, पति उत्तराखंड पुलिस में कांस्टेबल है जो वर्तमान में देहरादून पुलिस लाइन में तैनात है। पति की तैनाती देहरादून में होने के चलते वह अपने बच्चों के साथ घर पर अकेली रहती है। इस दौरान पीड़िता ने बताया कि गाँव के ही कुछ दबंगई लोगों की नजर उनकी बेशकीमती पुशतैनी जमीन पर है इसलिए वह उनको किसी ना किसी बहाने परेशान करते है और वह चाहते है कि परेशान होकर वह अपनी जमीन/मकान को औने पौने दामों में बेचकर वहां से चले जाए जिसको लेकर अक्सर वह उनके साथ विवाद करते रहते है।

पीड़िता ने बताया कि घटना की मंगलौर कोतवाली में शिकायत की गई जिस पर मुकदमा भी दर्ज हुआ लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नही करी।पीड़िता का कहना है कि पुलिस कार्रवाई ना होने से दबंगईयो के हौसले बुलंद है और पीड़िता भय की जिंदगी जीने को मजबूर है। इस मामले को लेकर पीड़िता ने उच्चाधिकारियों से अपनी व अपने बच्चों सुरक्षा की गुहार लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है।