…तो 26 जनवरी को मनाया जाता आजादी का जश्न ….
आज देश के संविधान को 70 साल पूरे हुए। दिसंबर 1946 से शुरू हुई संविधान निर्माण की प्रक्रिया करीब तीन साल तक चली। और 26 जनवरी 1950 को इसे लागू कर दिया गया। यह दिन इसलिए चुना गया क्योंकि 26 जनवरी 1930 में लाहौर में रावी नदी के तट पर कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज की घोषणा की थी। जिसे देश के सभी हिस्सों से समर्थन मिला था। उस समय जनवरी के पहले सप्ताह से ही कांग्रेस ने इस देशव्यापी आंदोलन की रूपरेखा तय कर ली थी। महात्मा गांधी ने यंग इंडिया में लिखे एक लेख में कहा- यह बेहतर होगा कि आजादी की घोषणा सारे गांवों और शहरों में एक ही साथ की जाए, यह और भी अच्छा होगा कि सभी जगहों पर इस संदर्भ में एक ही खास समय पर बैठक की जाए। लाहौर में जनवरी 1930 के आखरी रविवार को आजादी का दिन घोषित करने का प्रस्ताव पारित किया गया। जहां कांग्रेस अपना वार्षिक अधिवेशन कर रही थी। प्रसिद्ध इतिहासकार रामचंद्र गुहा अपनी पुस्तक इंडिया आफ्टर गांधी में बताते हैं कि उसके बाद कांग्रेस कांग्रेस मानसिकता वाले लोग हर साल 26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवस मनाने लगे। लेकिन जब अंग्रेज हुकूमत ने भारत को छोड़ने का फैसला किया, तो उन्होंने सत्ता हस्तांतरण के लिए 15 अगस्त 1947 के दिन को चुना। जिसका चुनाव वायसराय लॉर्ड माउंटबेटेन ने किया। जिसके पीछे की वजह यह थी कि इसी दिन मित्र राष्ट्रों के सामने जापान ने आत्म समर्पण किया था। फिर सत्ता की दावेदार कांग्रेस अगले साल यानी 26 जनवरी 1948 तक इंतजार नहीं कर सकती थी। लिहाजा 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में सुरक्षित रख लिया गया।