चमोली जिले का यह गांव आया खतरे की जद में !
मीडिया लाइव, चमोली: जिले के जोशीमठ ब्लॉक के पगनों गांव के अस्तित्व पर आसमानी आफत से खतरा मंडराने लगा है। यहां इलाके में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश और गांव के ऊपरी हिस्से से लगातार हो रहे भूधंसाव के साथ आ रहे सफेद मलवे के साथ आ रही गाद और पानी से लोगों में दहशत बनी हुई है। यहां ग्रामीणों के मकानों में पानी घुस आया है। जिससे अफरा तफरी के बीच करीब 7 परिवार सामान समेट जान बचाकर सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं। वहीं 35 परिवारों ने रात खुले आसमान में बिताई, वहीं पूरी तरह डेंजर जोन में आए 3 परिवार ने टिन शेड में शिफ्ट किए गए।

हालत इस कद्र खराब है कि पगनो गांव के सभी पैदल संपर्क मार्ग पगडंडियां टूटे हुए है, एसडीएम जोशीमठ कुमकुम जोशी ने बताया कि प्रशासन ग्रामीणों से संपर्क कायम किए है, पटवारी और तहसीलदार को मौके पर भेजा गया है, ताकि प्रभावित लोगों की हर संभव मदद हो सके, फॊरी राहत के रूप में अभि तिरपाल और टेंट दिए गए है जो और भेजे जा रहे है उपर से आने वाले पानी के लिए जल्द फॉरेस्ट की टीम गांव में आ रहे बरसाती पानी के लिए पक्का नाला बनाने बावत DPR तैयार करेगी, इधर ग्राम प्रधान रीमा देवी, ने बताया कि ग्रामीण शिव सिंह पंवार, रतन सिंह, दरवान सिंह, विजय राणा, कुंदन सिंह, सतेश्वर परसाद, सहित कई अन्य ग्रामीणों के घरों में पहाड़ी से लगातार आ रहा गाद वाला मलवा घुस गया है,लोग खोफजदा है पेयजल आपूर्ति ठप है, पैदल मार्ग टूटे है गांव के चारो और कमैडा वाला पानी नजर आ रहा है, यही हाल रहा तो कभी भी कोई बड़ी अनहोनी ही सकती है, बता दें कि पगनो गांव के करीब 30 बच्चे जो यहां से 3 किलोमीटर दूर सलूड गांव पढ़ने जाते वो करीब 12 दिनों से विद्यालय नहीं जा सके है,अपनी जिंदगी भर की कमाई को अपने आंखों के सामने जमींदोज होते देख लोगों के आंखों से किस तरह टपक रहे हैं आंसू आप इन तस्वीरों में देख सकते है। शासन – प्रशासन ने से गुहार लगाते लगाते ग्रामीणों की आंखें पथरा चुकी है आखिर कोन लेगा कब तक सुनेगा इनकी फरियाद यही आसमानी आफत जारी रही ओर समय रहते इन लोगों को शिफ्ट नहीं किया गया तो वो दिन दूर नहीं जब विस्थापन की मांग करते करते अगली सुबह पूरा पगनों गांव ही देश के नक्शे से गायब हो जाय।
ये भी पढ़ें : चमोली के इस इलाके में अतिवृष्टि से भारी नुक्सान
जोशीमठ विकासखंड के दूरस्थ पगनों गांव के ऊपर से लगातार हो रहे भूस्खलन से गांव को खतरा पैदा हो गया है। भूस्खलन से तीन परिवार एक सप्ताह पहले घर छोड़ चुके हैं, जिन्हें गांव से 500 मीटर की दूरी पर टीनशैड बना कर रखा गया है। वहीं कल रात्रि को भारी बारिश से गांव के बीच बढ़ा नाला आने से दर्जनभर घरों में मलवा घुस गया है। लोगों ने भागकर जान बचाई और रतजगा किया। गांव के ऊपर निरंतर भूस्खलन का दायरा बढने से अब तक लगभग 50 परिवार खतरे की जद में आ गए हैं। जिससे लोगों में दहशत बनी हुई है।
ये भी पढ़ें : चमोली के जिला एवं सत्र न्यायाधीश धनंजय चतुर्वेदी निलंबित
दरअसल जोशीमठ प्रखंड के इस दूरस्थ पगनों ग्राम पंचायत में 124 परिवार रहते हैं। निरंतर हो रहे भूस्खलन से लोग दहशत में बने हुए हैं। भूस्खलन से गांव में खाद्यान्न संकट बना हुआ है। वहीं गांव में एक महीने से पानी नहीं है, ग्रामीण गदेरों के पानी से प्यार बुझा रहे हैं। कुछ दिन पहले उपजिलाधिकारी जोशीमठ कुमकुम जोशी ने भी आपदा प्रभावित गांव का निरीक्षण किया गया। प्रशासन द्वारा तीन परिवारों को टीनशैड की व्यवस्था तो की गई, लेकिन खाद्यान्न सामग्री अभी तक नहीं बांटी गई। जिससे प्रभावित में नाराज़गी बनी हुई है। एक सप्ताह पूर्व बदरीनाथ विधायक राजेंद्र भंडारी ने भी प्रभावित गांव का भ्रमण कर लोगों को हर संभव मदद का भरोसा दिया गया, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई न होने से लोगों में आक्रोश बना हुआ है।
ग्राम प्रधान रीमा देवी ने बताया कि आपदा से तीन परिवार अवतार सिंह राणा, बख्तावर सिंह, वासुदेव सुंदरियाल के परिवारों को टीनशैड पर रखा गया है। वहीं कल रात्रि में भारी बारिश होने से गांव के बीच नाला आने से लगभग 12 परिवारों सतेश्तवर प्रसाद , दीपक सिंह पंवार, शिव सिंह, जगत सिंह, कुन्दन सिंह सहित अन्य के घरों में मलवा घुसने से खतरा पैदा हो गया है। सभी परिवारों ने रात्रि में भागकर जान बचाई और रतजगा किया गया। उन्होंने कहा कि गांव में खाद्यान्न व पेयजल संकट पैदा हो गया है। प्रशासन द्वारा अभी तक कोई मदद नहीं की गई है। जिसके चलते ग्रामीणों द्वारा एक माह से गदेरों के पानी से प्यास बुझाई जा रही है। उन्होंने कहा कि गांव के 30 छात्र – छात्राएं राजकीय इंटर कालेज सलूड में पढ़ते हैं। जो कि गांव से 4 किमी दूर है। चारों तरफ रास्ते बंद होने और गांव को खतरा पैदा होने से सभी अभिभावकों ने अपने नौनिहालों को सलूड डूंगरा में कमरा लेकर रखा गया है। वहीं एसडीएम जोशीमठ ने बताया कि गांव के हालात का जायजा लेने तहसील से एक टीम तहसीलदार की अगुवाई में भेजी गई है गांव में तिरपाल की व्यवस्था की गई है।