खराब मौसम के चलते भी मतदान में नहीं आएगी कोई रुकावट
मीडिया लाइव, देहरादून: बारिश हो या बर्फबारी प्रदेश में मतदान में कोई रुकावट नहीं आएगी, ऐसा ही कुछ दावा किया है चुनाव आयोग ने। आखिर क्या है तैयारी आयोग की। बर्फबारी के बीच भी प्रदेश में मतदान में कोई रुकावट नहीं आएगी। चुनाव आयोग ने इसके लिए विशेष तैयारियां की हैं, जिसमें एयर एंबुलेंस से लेकर जेसीबी तक का प्लान बनाया गया है।
दरअसल, सर्दियों में पहाड़ के कई जिलों में फरवरी-मार्च में भी बर्फबारी होती है। ऐसे में सबसे बड़ी चुनौती मतदान कराने की है। उत्तराखंड की मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या ने बताया कि बर्फबारी के बीच मतदान को समय से कराने के लिए विशेष योजना बनाई गई है। बताया कि जो बूथ तय किए जा चुके हैं, वहीं मतदान होगा। इसमें बर्फबारी की वजह से कोई बदलाव नहीं होगा। हां, जहां ज्यादा विकट हालात होंगे, वहां पोलिंग पार्टियों को जरूरत पड़ने पर एयर एंबुलेंस से भेजा जाएगा। उन्होंने बताया कि अभी तक पोलिंग पार्टियां, मतदान से 24 घंटे पहले रवाना की जाती थीं, लेकिन उन्होंने चुनाव आयोग से 72 घंटे पहले उन्हें पोलिंग बूथों तक पहुंचाने की अनुमति ली है। यानी तीन दिन पहले बर्फबारी वाले पोलिंग बूथों तक पोलिंग पार्टियां रवाना कर दी जाएंगी।
जेसीबी, कटर से लेकर एसडीआरएफ भी साथ चलेगी
जिन पोलिंग बूथों में ज्यादा बर्फबारी की आशंका है, वहां के लिए चुनाव आयोग ने धरातल पर भी मजबूत प्लान बनाया है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या ने बताया कि पोलिंग पार्टियों को सुगमता से पहुंचाने के लिए जेसीबी, कटर, पीडब्ल्यूडी की टीम, एसडीआरएफ की टीम तैनात रहेगी। जहां भी रास्ते में बर्फ रुकावट बनेगा, उसे काटकर रास्ता साफ किया जाएगा।
चुनावी रण में मौसम भी ले रहा प्रत्याशियों की परीक्षा।
उत्तराखंड के चुनावी रण में मौसम भी प्रत्याशियों की परीक्षा ले रहा है। निचले मैदानी क्षेत्रों में बारिश और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी ने चुनाव प्रचार के लिए पसीना बहा रहे प्रत्याशियों की राह रोक दी है। प्रदेश में चुनाव के लिए 10 दिन का समय बचा हुआ है। ऐसे में आम लोगों तक पहुंचना प्रत्याशियों और राजनीतिक दलों के सामने बड़ी चुनौती है। खराब मौसम के कारण गुरुवारको भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा का उत्तरकाशी का दौरा रद्द किया गया।
कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए चुनाव आयोग ने 11 फरवरी तक चुनावी रैली, रोड शो पर रोक लगाई है। कोरोना संक्रमण बाद अब मौसम ने भी चुनाव मैदान में उतरे प्रत्याशियों के लिए मुश्किलें खड़ी दी है। चुनाव के अंतिम समय में राजनीतिक दल और प्रत्याशी घर-घर जाकर लोगों से संपर्क करने में जुटे थे। लेकिन बारिश और बर्फबारी से चुनाव प्रचार थम गया है।
प्रदेश में चुनाव के लिए 10 दिन का समय बचा है। ऐसे में 70 विधानसभा सीटों पर चुनाव मैदान में उतरे 632 प्रत्याशियों के सामने दूरस्थ गांवों के लोगों तक संपर्क करने की बड़ी चुनौती है। हालांकि कोरोना काल में हो रहे चुनाव में सियासी दलों का वर्चुअल और सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों तक अपनी बात पहुंचाने पर ज्यादा जोर है। लेकिन मौसम खराब होने से पर्वतीय क्षेत्रों में इंटरनेट कनेक्टिविटी की समस्या है।
कोरोना महामारी में बदला चुनाव प्रचार का तरीका
कोरोना महामारी के कारण इस बार चुनाव प्रचार का तरीका बदला है। शहर और मोहल्लों में पुराने अंदाज में प्रचार का माहौल नजर नहीं आ रहा है। न तो लाउट स्पीकर का शोर सुनाया दे रहा है और न ही झंडे, बैनर नजर आ रहे हैं। सियासी दलों ने वर्चुअल और सोशल मीडिया को प्रचार अभियान का हथियार बनाया है। पार्टी के बड़े नेताओं की वर्चुअल संबोधित कर रहे हैं।