सबसे हॉट : गढ़वाल लोकसभा सीट पर गोदियाल और बलूनी में जबरदस्त टक्कर की चर्चा…
मीडिया लाइव, पौड़ी : मौसम में तपिश बढ़ने के साथ ही लोकसभा चुनाव के चलते सियासी पारा भी चढ़ने लगा है। उत्तराखण्ड की पांच लोकसभा सीटों पर चुनाव मैदान में मुकाबले की तस्वीर भी साफ हो गई है। फिलहाल टिहरी सीट के अलावा अधिकांश सीटों पर लड़ाई भाजपा और कांग्रेस के बीच ही नजर आ रही है। आगे के सूरतेहाल पार्टियों और प्रत्याशियों की रणनीति के बाद मतदाताओं के निर्णय पर टिकी रहेंगी।
उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल लोकसभा सीट इस वक्त सबसे हॉट सीट बनकर सामने आ रही है। यहाँ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल और पूर्व राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी के बीच सीधा मुकाबला है। दिल्ली में रहकर उत्तराखंड की सियासत में खासा दखल रखने वाले बलूनी हैवीवेट प्रत्याशी हैं। बीते मंगलवार 26 मार्च को उन्होंने पौड़ी में नामांकन किया इस मौके पर उनके साथ केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, सीएम पुष्कर सिंह धामी, पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत, उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री डॉ.धन सिंह रावत, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट जैसे दिग्गज शामिल हुए। इस वजह से बलूनी अपनी सियाशी ताकत का एहसास कराने में कामयाब भी हुए।
हालांकि अनिल बलूनी को अभी जनता के बीच स्वीकार्यता के लिए इस चुनावी परीक्षा से अभी गुजरना बाकी है। जमीन पर चुनाव लड़कर उन्हें अभी सफलता नहीं मिल पाई है। इससे पहले वे कोटद्वार से दो बार विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। इसमें कोई संदेह नहीं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के बनाए माहौल के बूते वो संसद तक पहुंच सकते हैं। फिलहाल पौड़ी सीट पर दिग्गजों का जमावड़ा लगने के बाद अब आने वाले दिनों में बलूनी के लिये यह सीट पर कई और दिग्गजों के डेरा डालने की उम्मीद है।
दूसरी ओर कांग्रेस प्रत्याशी गणेश गोदियाल अभी तक सिर्फ अपने दम पर मुकाबले के लिये तैयार दिख रहे हैं। उनके समर्थक पहले दिन से ही बलूनी को बाहरी बताकर अपनी जमीनी पकड़ को मजबूत करने की कोशिश में जुटे हैं। जिसके लिये उनके समर्थक आजकल के चर्चित गीत मैं पहाडृ कु रैबासी, तू दिल्ली रौण वाळी का सहारा ले रहे हैं। इससे उन्हें एक मनौवैज्ञानिक बढ़त मिलती दिख रही है, लेकिन भाजपा की आक्रामक राजनीति और संसाधनों की भरमार का कांग्रेस के पास कोई तोड़ नहीं दिख रहा। इस बात को गोदियाल भी स्वीकार कर चुके हैं। लेकिन बावजूद उनके इरादों में कोई कमी नजर नहीं आ रही है। यही वजह है कि अभी तक गोदियाल को चुनावी चक्रव्यूह में कई योद्धाओं से घिरे अभिमन्यू की तरह देखा जा रहा है। उनका कहना है कि वे किसी भी मामले में अपने पार्टी कार्यकर्ताओं के बूते इस चुनाव में अनिल बलूनी और बीजेपी से किसी भी मामले में उन्नीस साबित नहीं होंगे।
पौड़ी के वरिष्ठ पत्रकार गुरूवेंद्र नेगी के मुताबिक फिलहाल कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। लेकिन गादियाल अपनी साफ सुथरी और जुझारू छवि के चलते भाजपा को टक्कर देने की स्थिति में हैं, इसीलिये पौड़ी को हॉट सीट माना जा रहा है। कहा जा सकता है कि उत्तराखंड में अन्य सीटों की तुलना में पौड़ी सीट से कुछ उम्मीदें हैं, यही कारण है कि मतदान के दिन तक हवा का रूख देखना दिलचस्प होगा। बीजेपी की तरफ से प्रधानमंत्री के काम गिनवाए जा रहे हैं. जिसमें राम मंदिर, सैनिकों से जुड़े मुद्दे, चारधाम प्रोजेक्ट, रेल प्रोजेक्ट, अनिल बलूनी के राज्य सभा रहते हुए किए काम शामिल हैं. जबकि, कांग्रेस सभी जगह जाकर अग्निवीर योजना, बाहरी उम्मीदवार, अंकिता भंडारी मर्डर केस, विपक्ष को नोटिस और जेल, पलायन, बेरोजगारी, लगातार बढती महंगाई को लेकर जनता के बीच पहुंच रही है। 26 मार्च को अनिल बलूनी ने नामांकन के बाद पौड़ी के ही रामलीला मैदान में एक विशाल जनसभा का आयोजन किया. ऐसे में इस ग्राउंड की जितनी कैपेसिटी थी, उतनी भीड़ यहां आ गयी।
वहीं कांग्रेस के प्रत्याशी गणेश गोदियाल ने 27 मार्च को अपना नामांकन किया, पार्टी के बिना किसी बड़े नेता की मौजूदगी के उनके साथ जो भीड़ नजर आई। सोशल मीडिया पर कई विडियो में लोग पौड़ी की सड़को पर देखी गयी भीड़ पर आश्चर्य व्यक्त करते नजर आए और उस नज़ारे लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया। स्थानीय लोगों का कहना है कि यहाँ सडकों पर कांग्रेस कार्यकर्ता बड़े लम्बे वक्त के बाद इतने जोश में दिखाई दिए।
गणेश गोदियाल ने मंच से जो गढ़वाली में जोशीला भाषण दिया, उसकी पूरे प्रदेश के सियासी गलियारों और लोगों के बीच बड़ी चर्चा हो रही है। मंचों पर बोलने में माहिर गणेश गोदियाल ने न केवल केंद्र सरकार को सीधे ललकारा, बल्कि राज्य सरकार से भी कई तरह के सवाल किए। जनता को संबोधित करते हुए गणेश गोदियाल ने कहा कि हो सकता है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पौड़ी आकर अंकिता भंडारी के लिए कुछ कह दें , लेकिन यह बात समझनी होगी कि पहले भी वे दो बार आ चुके हैं, लेकिन प्रदेश में हुई इस घटना पर उनके मुंह से एक शब्द नहीं निकला। पौड़ी के ऐतिहासिक मैदान की भीड़ को देख गणेश गोदियाल अकेले ही केंद्र और राज्य सरकार पर खूब बरसे। उन्होंने यूकेएसएसएससी भर्ती, अग्निपथ योजना से लेकर महंगाई, बेरोजगारी और पलायन जैसे मुद्दे पर सरकार पर जमकर हमला बोला।
अब देखना ये होगा कि चुनाव की तारीख करीब आते-आते इन दो महारथियों में से कौन किस पर भारी पड़ता है, इसके लिए 4 जून तक इन्तजार करना होगा।