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नहीं सुधरे पगनो गाँव के हालात, लगातार बढ़ रहा खतरा

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गोपेश्वर : जनपद के जोशीमठ प्रखंड के पगनों गांव में भूस्खलन और ऊपरी क्षेत्र से गांव में जगह-जगह से बह रहे बरसाती नालों के खौफ से अब कई परिवार अपना घर आंगन छोड़ने को मजबूर हैं। करीब एक माह से यहां के ग्रामीण दिन रात बस परिवार और पशु धन को बचाने की फ़िक्र में जद्दोजहद कर रहे हैं। यहाँ लोगों के चेहरे पर लाचारी, बेबसी,दर्द,और गुस्सा झलक रहा है। पागनों गांव में लोग अपनी आंखो के सामने अपने पुरखों की बसाई पुश्तैनी सम्पत्ति,विरासत गांव को यूं तबाह होते देख ग्रामीणों की आंखे छलक जा रही हैं। ऐसे में पगनो गांव के लोगों ने समय रहते जिलाधिकारी चमोली ओर शाशन प्रशाशन से पगनों गांव की सुध लेने की गुहार लगाई है।

आलम ये है कि पगनो गांव के कुछ परिवारों ने अपने रिश्तेदारों के घरों में शरण ले ली है, जबकि अन्य परिवार गांव में ही सुरक्षित जगह पर गोशाला और खेतों में तम्बू लगाकर किसी तरह गुजर बसर कर हैं। दरअसल जोशीमठ तहसील मुख्यालय से करीब 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित प्रकृति की सुरम्य वादियों में बसा पगनों गांव में 120 परिवार निवास करते हैैं। लेकिन गांव के लिए नासूर बन गया है गांव के ठीक पीछे स्थित पहाड़ी के ऊपरी भाग में एक प्राकृतिक झील जो वर्ष 2021 में भारी बारिश के दौरान झील क्षतिग्रस्त हो गई और जिससे पानी का रिसाव होने लगा। इसी प्वाइंट से बरसात में पगनो गांव में कमेडा पानी वाला मलबा आना शुरू हुआ है।

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अबतक गांव में मुरलीधर, पुष्पा देवी, जय प्रसाद, कैलाश सुंदरियाल, प्रदीप सिंह, दिलवर सिंह, दुर्गा देवी, कुंदन सिंह और भोपाल लाल ने अपने घर छोड़ दिए हैं। वहीं कैलाश सुंदरियाल और दुर्गा देवी के परिवार ने अपने रिश्तेदारों के यहां शरण ले ली है, जबकि शेष ग्रामीण परिवार गांव के ही समीप गोशाला और खेतों में टेंट लगाकर रह रहे हैं। वहीं गांव का शिव मंदिर भी अब पूरी तरह भूस्खलन से तबाह हो गया है। प्रभावित ग्रामीण अब प्रशासन से राहत और सुरक्षित ठोर ठिकाने के लिए गुहार लगा रहे है।

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