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निकायों की चुनौतियां: वित्त आयोग ने समाधान के दिये सुझाव

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मीडिया लाइव, पौड़ी: छठवें राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष एन. रवि शंकर की अध्यक्षता में विकास भवन सभागार में नगर निगम, नगर पालिका परिषद एवं नगर पंचायतों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक आयोजित की गयी। बैठक में प्रतिनिधियों ने निकाय प्रबंधन की समस्या व नये कार्यों के लिए बजट आवंटन बढ़ाए जाने की बात रखी।

छठवें राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि नगर के विकास के लिए अधिकारी नगर निकायों के जन प्रतिनिधियों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए विकास के कार्यों को आगे बढ़ाएं। उन्होंने यह भी कहा कि आगे जो नए कार्य होने हैं इसके लिए अभी से तैयारी करें। साथ ही उन्होंने नगर निकायों में कूड़ा प्रबंधन, विद्युत, पेयजल, स्वच्छता सहित अन्य के लिए ठोस कदम उठाए जाने को कहा। अध्यक्ष ने नगर आयुक्त श्रीनगर को निर्देश दिये कि शहर की बिजली, पानी की समस्या को दूर करने के लिए अधिकारियों के साथ बैठक कर योजना तैयार करें। उन्होंने कहा कि नई नगर पंचायतें भविष्य को देखते हुए विकास का खाका तैयार करें। इसके साथ ही उन्होंने पर्यटन अधिकारी को जनपद में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ाने के निर्देश दिये।

बैठक में नगर निगम कोटद्वार के मेयर शैलेंद्र रावत ने बताया कि कोटद्वार में मल्टीस्टोरी पार्किंग, कार्यालय भवन, पार्क सहित अन्य कार्यों के लिए बजट की आवश्यकता है। कहा कि यदि इन कार्यों के लिए बजट आवंटन होता है तो जल्द ही विकास कार्यों को धरातल पर उतरा जाएगा। इस पर वित्त आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि इन कार्यों के लिए निगम के नाम पर भूमि है तो सुझावों पर कार्यवाही की जा सकती है। इसके अलावा नगर पालिका अध्यक्ष पौड़ी हिमानी नेगी ने शहर ने पानी की समस्या को रखा। अध्यक्ष ने जल संस्थान से शहर में जलापूर्ति की जानकारी तलब की।

वहीं जल संस्थान के अधिशासी अभियंता ने बताया कि शहर में श्रीनगर व नानघाट से 5.50 एमएलडी पानी मिल रहा है। साथ ही शहर में पानी की समस्या के समाधान के लिए अमृत–2 योजना में कार्य चल रहा है। इस पर आयोग के सदस्यों ने पेयजल आपूर्ति बढ़ाने के लिये जल संस्थान व जल निगम को पेयजल आपूर्ति बढ़ाने के निर्देश दिये। नगर निगम श्रीनगर के पार्षदों ने कहा कि शहर में विकास कार्यों को करवाने में वित्त की समस्या आ रही है, इसलिए निगम का बजट आवंटन बढ़ाया जाए। वहीं नयी नगर पंचायतों के सदस्यों ने कार्मिकों की कमी बतायी। इसके अलावा निकाय के प्रतिनिधियों ने भी अपनी–अपनी बात रखी।

छठवें वित्त आयोग के सदस्य पी.एस. जंगपांगी ने जनतांत्रिक प्रणाली की महत्ता बताते हुए कहा कि सभी विभागों के अधिकारियों का दायित्व है कि संबंधित क्षेत्र के निर्वाचित प्रतिनिधियों से तालमेल बनाकर चलें। साथ ही सुझाव दिया कि नियोजन प्रक्रिया इस तरह हो कि नगर निकाय आगामी भविष्य के तौर पर विकसित करने के लिये 25-30 साल की योजना बनाएं। साथ ही उन्होंने कहा कि कोटद्वार स्थित कण्वाश्रम स्थल को भव्य रूप में विकसित करें, जिससे उस क्षेत्र में पर्यटकों की आवागमन बढ़े।

आयोग के सदस्य डॉ. एम.सी. जोशी ने कहा कि निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को 74वें संविधान संशोधन में दिये गये 18 विषयों में से अपने क्रियाकलापों की प्राथमिकताएं तय करके जलापूर्ति, विद्युत आपूर्ति, चिकित्सा, प्राथमिक शिक्षा जैसे विषयों पर अपने स्तर से ध्यान देना चाहिये।

जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों को नगर निकायों में हुए कार्यों, पेयजल, पार्किंग, कूड़ा प्रबंधन सहित अन्य की जानकारी दी। इसके अलावा उन्होंने माउंटेन म्यूजियम, पौड़ी की पुरानी जेल में पार्किंग, पुराने कलेक्ट्रेट भवन को हेरिटेज, व्यासघाट को ओम वैली के तौर पर विकसित करने, पिरूल एकत्रीकरण, गंगा म्यूजियम, नीलकंठ मंदिर में सौंदर्यीकरण, पार्किंग, पेयजल आपूर्ति सहित अन्य कार्यों की जानकारी दी। जिलाधिकारी ने संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिये कि वित्त आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों द्वारा दिए गए निर्देशों व सुझावों का अनुपालन करना सुनिश्चित करें।

इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी गिरीश गुणवंत, पीडी डीआरडीए विवेक कुमार उपाध्याय, जिला विकास अधिकारी मनविंदर कौर, नगर आयुक्त कोटद्वार वैभव गुप्ता, नगर आयुक्त श्रीनगर नूपुर वर्मा, अधीक्षण अभियंता जल संस्थान प्रवीण सैनी, मुख्य कोषाधिकारी गिरीश चंद्र, अर्थ एवं संख्याधिकारी राम सलोने, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. विशाल शर्मा, एसडीओ वन आयशा बिष्ट, अधिशासी अभियंता जल संस्थान एस. के. रॉय, डीपीआरओ जितेन्द्र कुमार सहित अन्य अधिकारी व नगर निकाय के प्रतिनिधि उपस्थित थे।