उत्तराखण्ड न्यूज़करप्शन/क्राइमसरकार/योजनाएं

सख्ती : कार्रवाई के लिए रविवार को खोला गया सचिवालय…

FacebookTwitterGoogle+WhatsAppGoogle GmailWeChatYahoo BookmarksYahoo MailYahoo Messenger

मीडिया लाइव, देहरादून: भ्रष्टाचारियों पर लगाम लगाने को लेकर सरकार सख्त रुख दिखाने का प्रयास कर रही है। इसके तहत कई बड़े अफसर सरकार के रडार पर आ गए हैं। पुख्ता सबूत मिलते ही धामी सरकार कर कार्रवाई करती नजर आ रही है। यहीं वजह है कि एक अफसर के खिलाफ शिकायतें मिलने के बाद कार्रवाई के लिए रविवार के दिन सचिवालय खोला गया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे चीफ टाउन प्लानर को हटाते हुए जांच के आदेश दिए हैं। रविवार का अवकाश होने के बावजूद सरकार ने छुट्टी के दिन सचिवालय खुलवाकर चीफ टाउन प्लानर की छुट्टी के आदेश जारी कर दिया है। इस मामले की विभागीय विस्तृत जांच के भी आदेश दे दिए हैं। इधर, मुख्यमंत्री धामी की इस कार्रवाई से भ्रष्टाचार में लिप्त अफसरों में हड़कंप मचा है। बताया जा रहा है कि कुछ और बड़े अफसरों पर भी सरकार जल्द बड़ी कार्रवाई कर सकती हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के नगर और ग्रामीण क्षेत्रों के व्यवस्थित विकास को नगर एवं ग्रामीण नियोजक को मास्टर प्लान से लेकर भू परिवर्तन की जिम्मेदारी दी थी। इस प्लान से राजधानी से लेकर बद्रीनाथ धाम तक विकास कार्यों को धरातल पर उतारा जा रहा है। लेकिन नगर और ग्रामीण नियोजक (टाउन प्लानर) की जिम्मेदारी संभाले शशि मोहन श्रीवास्तव की लगातार शिकायतें मिल रही थी। मुख्यमंत्री धामी ने आम जनता से जुड़े इस अहम विभाग के चीफ टाउन प्लानर के खिलाफ तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए। इस पर आज रविवार को अवकाश के बावजूद मुख्यमंत्री धामी की सख्ती पर अफसरों ने सचिवालय को खुलवाते हुए आरोपी अफसर को तत्काल पद से हटाने के आदेश जारी कर दिए हैं। अपर सचिव अतर सिंह ने आदेश जारी कर चीफ टाउन प्लानर शशि मोहन श्रीवास्तव को तत्काल आवास विभाग में अटैचमेंट के आदेश जारी कर दिए हैं। आदेश में आरोपी अफसर के खिलाफ विभागीय जांच के भी आदेश दिए हैं। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद उनके खिलाफ अगली कार्रवाई हो सकती हैं।

इसके साथ ही फिलहाल टाउन प्लानर की जिम्मेदारी वरिष्ठ नगर नियोजक शालू थिंड को सौंपी गई गई हैं। इधर, मुख्यमंत्री धामी सरकार राज्य में लापरवाह अफसरों, भ्रष्टाचारियों के खिलाफ लगातार एक्शन मोड़ में है। राज्य गठन के 24 सालों के भीतर राज्य को पहले ऐसे मुख्यमंत्री मिले हैं, जिनके द्वारा भ्रष्टाचार पर छोटे-बड़े में कोई अंतर न रखते हुए हर भ्रष्टाचारी को जेल पहुंचाया है। यहां तक कि आईएएस, आईएफएस, से लेकर पीसीएस अफसरों तक को भी भ्रष्टाचार की कार्रवाई में जेल के अंदर जाना पड़ा है। इसके अलावा धामी सरकार के कार्यकाल में विजिलेंस, पुलिस द्वारा भी भ्रष्टाचारियों और बदमाशों के खिलाफ कार्रवाई लगातार जारी है। मुख्यमंत्री धामी ने हर अफसर को स्पष्ट संदेश दिया है कि भ्रष्टाचार और अपराध में छोटा-बड़ा कोई भी हो, सब की जगह सलाखों के भीतर है।