सत्य की राह पर निकल चुके हैं सत्यपाल मलिक ? पूर्व राजयपाल के इंटरव्यू पर कांग्रेस की पीसी
नई दिल्ली: पुलवामा हमले को लेकर जम्मू कश्मीर के तत्कालीन राज्यपाल के सनसनीखेज खुलासे के बाद देश की सियासत में भूचाल आ गया है। देश वासियों को झकजोर कर रख देने वाले इस खतरनाक खुलाशे के बाद मोदी सरकार अब विपक्ष के निशाने पर आ गयी है। हालाँकि मीडिया का एक बड़ा तबका इस बड़े खुलासे पर चुप्पी साध कर बैठा हुआ है। इस पूरे मामले पर कांग्रेस ने दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और मीडिया के इस रुख पर भी अफ़सोस जताया। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता जयराम रमेश ने भी कहा है कि मोदी सरकार कितने भी प्रयास कर ले लेकिन अब सच्चाई नहीं दबेगी।
बता दें कि आज सत्यपाल मलिक के खुलासे पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने प्रेस वार्ता को संबोधित किया। जयराम रमेश ने कहा कि 2018-19 में जम्मू कश्मीर के राज्यपाल रहे सत्यपाल मलिक ने बहुत सनसनीखेज खुलासा किया है। मोदी सरकार सच्चाई को दबाने में जुटी हुई है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार कितने भी प्रयास कर ले अब सच्चाई दबेगी नहीं और कांग्रेस इस बात को आगे लेकर जाएगी।
जयराम रमेश के अलावा पवन खेड़ा और सुप्रिया श्रीनेत ने भी प्रेस को संबोधित किया। पवन खेड़ा ने सत्यपाल मलिक की सुरक्षा को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि आज सत्यपाल मलिक, एक पीएसओ के साथ किराये के मकान में रह रहे हैं। लेकिन आपने समाज में जहर घोलने वाले टीवी एंकरों, चाटुकार फिल्म निर्देशकों-अभिनेताओं को X,Y, Z ग्रेड की सुरक्षा दे रखी है। ऐसे में सवाल है कि आपने सत्यपाल मलिक को खतरे के मुंह में क्यों छोड़ रखा है ?
वहीं सुप्रिया श्रीनेत ने इस खुलासे पर मोदी सरकार को घेरते हुए कहा कि सत्यपाल मलिक ने जो कहा उसने पूरे देश को सकते में डाल दिया है। सत्यपाल मलिक कोई साधारण व्यक्ति नहीं हैं, जब पुलवामा हमला हुआ तब वो जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे। उन्होंने पीएम से कहा कि जवानों की शहादत हमारी नाकामी से हुई। तो पीएम ने कहा- ‘तुम चुप रहो।’

शुक्रवार को द वायर पर प्रसारित इंटरव्यू में सत्यपाल मलिक के खुलासे ने राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मचा दिया। सत्यपाल मलिक ने इंटरव्यू में बताया कि पुलवामा हमला मोदी सरकार की लापरवाही के कारण हुआ था। इतना ही नहीं खुद प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें इस मामले पर चुप रहने के लिए कहा था ताकि हमले का सारा ठीकरा पाकिस्तान पर फोड़ा जा सके और बीजेपी लोकसभा चुनाव में इस मुद्दे को अपने पक्ष में भुना सके।
सत्यपाल मलिक ने बताया कि सीआरपीएफ ने अपना काफिला ले जाने के लिए पांच एयरक्राफ्ट मांगे थे, लेकिन गृह मंत्रालय ने इस मांग को नामंजूर कर दिया तब राजनाथ सिंह देश के गृह मंत्री थे। अगर सीआरपीएफ के जवानों को एयरक्राफ्ट मिल गए होते तो यह हमला रोका जा सकता था। मलिक ने बताया कि इस बात की जानकारी खुद उन्होंने प्रधानमंत्री को दी थी। लेकिन प्रधानमंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने उन्हें चुप रहने के लिए कह दिया।