कृषि कानूनों पर PM पर राहुल का हमला
नई दिल्ली: पंजाब में किसानों ने कृषि कानूनों के विरोध में प्रधानमंत्री और कारोबारी दिग्गजों का पुतला फूंका. यह खबर कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने शेयर की है। इसके साथ ही कृषि कानून को लेकर राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राहुल गांधी पर आरोप लगाया है कि वे देश के प्रधानमंत्री का सम्मान नहीं करते हैं।
कृषि कानूनों (Farm Laws) के विरोध में पंजाब के किसानों का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा है. कानून के विरोध में पंजाब में किसान लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं और इस कानून को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. विपक्ष भी कृषि कानूनों को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश में लगा है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने एक बार फिर सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि पंजाब के किसान प्रधानमंत्री को लेकर गुस्से में हैं. उन्होंने कहा कि PM को किसानों के पास जाना चाहिए और उनकी बात सुननी चाहिए.
मीडियााा रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक खबर शेयर की है, जिसमें कहा गया है कि पंजाब में किसानों ने कृषि कानूनों के विरोध में प्रधानमंत्री और कारोबारी दिग्गजों का पुतला फूंका. राहूल गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा, “कल पंजाब में यह हुआ. यह दुखद है कि प्रधानमंत्री के प्रति पंजाब में इतना गुस्सा है. उन्होंने इसे एक खतरनाक मिसाल करार दिया है और देश के लिए अच्छा नहीं है. राहुुुल ने लिखा प्रधानमंत्री को उनके पास जाना चाहिए, उनकी बात सुननी चाहिए और उन्हें तुरंत राहत देनी चाहिए.”
बता दें कि केंद्र के कृषि कानूनों (Agriculture Laws) को लेकर विरोध प्रदर्शन के बीच पंजाब सरकार ने कानून के खिलाफ पंजाब विधानसभा में प्रस्ताव पेश किया था. मुख्यमंत्री ने केन्द्र के कृषि कानूनों के खिलाफ तीन विधेयक भी पेश किए. प्रस्ताव पेश करने के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह (Amrinder Singh) ने कहा, “मैं इस्तीफा देने से नहीं डरता.” मुख्यमंत्री ने आगे कहा, “मुझे अपनी सरकार के बर्खास्त होने का डर नहीं है, लेकिन मैं किसानों को परेशान या बर्बाद नहीं होने दूंगा.”
लगता है किसी कानूनों के विरोध में पंजाब सरकार और पंजाब के किसान केंद्र सरकार के साथ दो-दो हाथ करने के लिए तैयार हैं। अब देखना यह होगा कि इसका अंतिम रिजल्ट क्या निकल कर आता है क्या केंद्र सरकार का दिल किसानों के लिए पसीजता है या किसान यूंही कब तक आंदोलनरत रहते हैं।