MEDIA LIVE : भारत में ऐसे होता है राष्ट्रपति चुनाव, आज लगेगी चुनावी आचार संहिता
मीडिया लाइव, देहरादून/दिल्ली: भारत में राष्ट्रपति चुनाव (Presidential Election 2022) की प्रक्रिया इस तरह है . इस बार के राष्ट्रपति चुनाव के लिए आज चुनाव आयोग (Election Commission) की तरफ से इस बारे में दोपहर 3 बजे घोषणा की जाएगी. संविधान के अनुच्छेद 62 का संदर्भ देते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है और अगले राष्ट्रपति के निर्वाचन के लिए चुनाव उससे पहले संपन्न होना चाहिए.
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राष्ट्रपति चुनाव में संसद के दोनों सदनों के सदस्यों के अलावा सभी राज्य के विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और संघ शासित प्रदेश पुडुचेरी के विधानसभा के सदस्य वोट डाल सकते हैं.राज्यसभा, लोकसभा या विधानसभाओं के मनोनीत सदस्यों को राष्ट्रपति चुनाव में मतदान करने का अधिकार नहीं है. ऐसे ही, राज्यों के विधान परिषदों के सदस्यों को भी राष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा लेने का अधिकार नहीं है. गौरतलब है कि 2017 में राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान 17 जुलाई को हुआ था और मतगणना 20 जुलाई को हुई थी.
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बता दें, जुलाई में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी दलों की राज्यसभा में कठिन परीक्षा है. 10 जून को ऊपरी सदन की 57 सीटों के लिए महामुकाबला है. राष्ट्रपति चुनाव के लिए निर्वाचक मंडल में संसद सदस्य (राज्य सभा और लोकसभा दोनों) और राज्यों में विधान सभाओं के सदस्य होते हैं. सांसदों की कुल संख्या 776 है (राज्यसभा 233 लोकसभा 543 ) प्रत्येक सांसद के वोट का मूल्य 708 है. विधायकों के मामले में देश भर में कुल 4,120 वोट हैं.
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1971 की जनगणना के अनुसार उनके वोट का मूल्य एक राज्य से दूसरे राज्य में बदलता रहता है. भाजपा जिसने हाल ही में असम, त्रिपुरा और नागालैंड से 3 सीटें जीतकर 245 सदस्यीय सदन में 101 पर पहुंच गई. उसके पास वर्तमान में 16 रिक्तियों के कारण राज्यसभा में 95 सदस्य हैं.