करप्शन/क्राइम

रोहित नेगी के हत्यारोपियों के साथ पुलिस की मुठभेड

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मीडिया लाइव, देहरादूनस्टोन क्रशर कारोबारी और भाजपा नेता रोहित नेगी हत्याकांड में उत्तराखंड पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। देर रात पुलिस की दो प्रमुख आरोपियों से मुठभेड़ हुई, जिसमें दोनों को गोलियां लगी हैं। गंभीर हालत में उन्हें अस्पताल ले जाया गया है। मुठभेड़ उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर-मंगलौर बॉर्डर पर हुई, जब आरोपियों को पुलिस ने घेरने की कोशिश की और उन्होंने भागने की कोशिश करते हुए गोली चलाई।

पुलिस को सूचना मिली थी कि रोहित नेगी हत्याकांड के मुख्य आरोपी मोहम्मद अजहर त्यागी (पुत्र अब्दुल रब, निवासी प्रधान पट्टी बरला, थाना पुरकाजी, जिला मुजफ्फरनगर) और आयुष कुमार उर्फ सिकंदर (पुत्र विजय कुमार, निवासी मालैन्डी, शामली, उत्तर प्रदेश) मंगलौर बॉर्डर क्षेत्र में देखे गए हैं। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए उनकी तलाश शुरू की। जब पुलिस ने आरोपियों को रोकने की कोशिश की, तो उन्होंने भागने का प्रयास किया और कथित तौर पर पुलिस पर फायरिंग की। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने गोली चलाई, जिससे दोनों आरोपियों के पैरों में गोली लगी। घायल अवस्था में दोनों को गिरफ्तार कर नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनके ठिकानों और नेटवर्क की जांच की जा रही है। संभावना जताई जा रही है कि इस हत्याकांड में और भी लोग शामिल हो सकते हैं, जिनकी पहचान की जा रही है।

रोहित नेगी की हत्या ने न सिर्फ उत्तराखंड बल्कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर सनसनी फैला दी। भाजपा से जुड़े नेता की हत्या को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं में आक्रोश है और पुलिस पर लगातार दबाव बना हुआ था कि जल्द से जल्द हत्यारों को गिरफ्तार किया जाए। उत्तराखंड पुलिस ने हत्याकांड के बाद से ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कई संभावित ठिकानों पर दबिश दी थी। एक विशेष टीम गठित कर आरोपियों की मोबाइल लोकेशन और नेटवर्क पर निगरानी रखी जा रही थी। मुठभेड़ के दौरान यह भी स्पष्ट हुआ कि आरोपी फरार होकर उत्तर प्रदेश में शरण लेने की कोशिश में थे।

घटना की शुरुआत 3 जून 2025 की तड़के देहरादून के प्रेमनगर थाना क्षेत्र के मांडूवाला इलाके में हुई। यहां पीपल चौक पर रोहित नेगी को गोली मार दी गई थी। घायल अवस्था में उन्हें उनके साथियों ने ग्राफिक ऐरा अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

रोहित नेगी अपने कुछ दोस्तों और एक युवती के साथ पार्टी कर रहे थे। युवती के फोन पर अचानक आरोपी अजहर मलिक का कॉल आया, जिसके बाद दोनों के बीच गाली-गलौज और कहासुनी शुरू हो गई। रोहित नेगी ने जब बातचीत सुनी तो उन्होंने भी फोन पर अजहर को फटकार लगाई। यह बहस बढ़ गई लेकिन उस वक्त मामला शांत हो गया और सभी अपने-अपने घर जाने लगे।

जब रोहित नेगी अपनी कार से निकले, तो रास्ते में पहले से घात लगाकर खड़े आरोपी अजहर और उसका साथी आयुष पहले से मौजूद थे। जैसे ही रोहित की कार रुकी, आरोपी ने कार के शीशे से सटाकर गोली मार दी, जो सीधे गले में जाकर लगी, और उनकी मौके पर ही मौत हो गई।