प्रवासियों के लिए जुटाने होंगे रोजागर के साधन

उन्होंने इसके लिए सीडीओ मनुज गोयल के नेतृत्व में जिले में आजीविका इकाई के परियोजना प्रबन्धक कैलाश चन्द्र भट्ट को जरूरी निर्देश दिए हैं. इसके तहत 7 इनोवेशन लिंकेज परियोजना एवं विभिन्न स्थानीय संसाधनों पर आधारित उद्यमों जैसे एग्रो प्रोसेसिंग एवं बेकरी इकाई, तेल पिराई, मसाला प्रसंस्करण इकाई, दुग्ध उत्पादन एवं संग्रहण, धान कुटाई एवं गेहूँ पिसाई, सब्जी उत्पादन, साप्ताहिक हाट, मोबाईल वैन, ग्रामीण उद्यम की स्थापना की गयी है।
आजिविका परियोजना के तहत संचालित इन गतिविधियों में रिर्वस माईग्रेशन के कारण आने वाले व्यक्तियों को इनके माध्यम से स्वरोजगार दिलवाने को आजीविका संघों के साथ मिलकर रणनीति तैयार की जा रही है। प्रत्येक विकास खण्ड के आजीविका संघों के अन्तर्गत रिर्वस माईग्रेशन के कारण ग्राम में लौटे लोगों की सूची तैयार कर उनके कौशल क्षेत्र का पता लगाया जा रहा है जिससे कि उनके कौशल का उपयोग आजीविका संघों के व्यवसायिक एवं अन्य गतिविधियों में करते हुए उन्हें लाभाविन्त किया जा सके। इस कार्य से जहाँ एक ओर अचानक ग्राम में आये एवं बेरोजगार हो चुके लोगों को कुछ रोजगार प्राप्त होगा वहीं दूसरी ओर बेरोजगार से होने वाले सामाजिक कुप्रभावों से भी बचा जा सकेगा।
फोटो फ़ाइल।