कॉलेजों की संबद्धता समाप्त करने पर एनएसयूआई का प्रदर्शन, उच्च शिक्षा मंत्री का फूंका पूतला
मीडिया लाइव, मसूरी : एचएनबी केंद्रीय विश्वविद्यालय ने देहरादून के चार बड़े कॉलेज सहित 10 सहायता प्राप्त अशासकीय कॉलेजों की संबद्धता समाप्त करने का निर्णय लिया है। जिसके बाद हजारों छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ गया है। इसके विरोध में मसूरी एमपीजी कालेज में एनएसयूआई के छात्रों ने कालेज के गेट पर राज्य सरकार और उच्च शिक्षा मंत्री डा. धनसिंह रावत के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की और उनका पुतला जलाया। इस मौके पर छात्र नेताओं ने राज्य की भाजपा सरकार पर छात्रों के भविष्य से खिलावाड करने का आरोप लगाया।
मसूरी एमपीजी कालेज के पूर्व छात्रसंध अध्यख प्रींस पवार ने कहा कि हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय ने देहरादून जिले के 14 कालेज के संबद्धता समाप्त कर दी है जिससे छात्रों को भारी परेशानी हो रही है। उन्होने कहा कि यह निर्णय ऐसे समय पर लिया गया है जब करीब 20 हजार छात्र-छात्राएं कामन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) स्नातक और परास्नातक दे चुके हैं और दाखिले का इंतजार कर रहे हैं।
अब ये कालेज कब तक श्रीदेव सुमन विवि या अन्य विवि से संबद्ध हो पाएंगे, यह साफ नहीं हैं। इससे छात्र-छात्राएं आगे की पढ़ाई को लेकर चिंतित हैं।उन्होने कहा कि राज्य की भाजपा सरकार और उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत कालेजों की संबद्धता को लेकर अभी तक निर्णय नही ले पा रहे हैं, जिससे छात्रों में भारी आक्रोश्श है। प्रिंस पंवार ने कहा एचएनबी गढ़वाल विवि की कार्यपरिषद को कोई भी फैसला लेने का अधिकार है, लेकिन विवि ने कॉलेजों को असंबद्ध करने का निर्णय गलत समय पर लिया गया है, क्योंकि 10 से 15 दिन के बीच सीईयूटी देने वाले छात्र-छात्राएं दाखिले की तैयारी कर रहे थे। यदि विवि को कॉलेजों को असंबद्ध करना था तो सीयूईटी की अनिवार्यता पत्र के बजाय असंबद्धता का पत्र जारी किया जाता। आखिर विवि और कॉलेजों की संपत्ति छात्र हैं। छात्रों का भविष्य बनाने की जिम्मेदारी सभी की है।
उन्होने कहा कि अगर सरकार कालेज के संबद्धता को लेकर जल्द फैसला नहीं लेती तो एनएसयूआई पूरे प्रदेश में उग्र आंदोलन करने को बाध्य होगा।