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MEDIA LIVE : अब खंगाला जा रहा है यूक्रेन में रह रहे छात्रों का डाटा

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मीडिया लाइव : विभिन्न कारणों से विदेशों में रहने वाले लोगों का डाटा सरकार के पास उपलब्ध नहीं है। इसी कारण से इस वक्त यूक्रेन रसिया युद्ध के हालातों के बीच जो स्थितियां पैदा हुई हैं, उसे लेकर अफरा तफरी का मौहौल देखने को मिल रहा है। ऐसे में सरकार अपने विभिन्न सोर्सेज के जरिये फंसे लोगों की सूचना जुटाने का काम कर रही है। जिसमें कुछ हद तक आंकड़े मिलने शुरू हो गए हैं।

अब खबर विस्तार से : यू्क्रेन में उत्तराखंड के 226 लोगों के फंसे होने की सूचना है। पुलिस के अनुसार यह संख्या शनिवार शाम तक प्राप्त जानकारी के अनुसार है। लोग लगातार डायल 112 व पुलिस के सोशल मीडिया पेज पर जानकारी दे रहे हैं। डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि इन सभी लोगों की सूची विदेश मंत्रालय को भेज दी गई है। इन्हें स्वदेश लाने के लिए भारत सरकार प्रयास कर रही है।

शनिवार सुबह तक 188 लोगों के यूक्रेन में फंसे होने की जानकारी थी। तीन दिन पहले गृह मंत्रालय ने इमरजेंसी कंट्रोल रूम के नंबर 112 को जारी कर प्रदेशवासियों से उनके परिजनों की सूचना देने की अपील की थी। इसके बाद डीजीपी अशोक कुमार के निर्देश पर सभी जिलों के कप्तानों को अपने सोशल मीडिया पेज पर एक प्रारूप बनाने के निर्देश दिए थे। इस प्रारूप में नाम, पता, यूक्रेन के शहर नाम (जिसमें उनके परिजन रहते हैं), व्यवसाय आदि की जानकारी मांगी गई थी।

डीजीपी अशोक कुमार ने बताया

कि प्रदेशवासी लगातार इमरजेंसी कंट्रोल रूम को संपर्क कर पुलिस को जानकारी दे रहे हैं। शनिवार शाम तक कुल 226 लोगों के परिजनों ने विभिन्न माध्यम से पुलिस व प्रशासन को सूचित किया है। इनमें छात्र और यूक्रेन में काम करने वाले लोग शामिल हैं। उन्होंने बताया कि सभी की जानकारी विदेश मंत्रालय को भेज दी गई है। केंद्र सरकार विभिन्न माध्यमों से उन्हें वापस लाने का प्रयास कर रही है।
इधर, प्रदेशवासियों से भी अपील की गई है कि यदि उनकी यदि परिजनों से बात होती है तो उन्हें भारत सरकार के निर्देशों की जानकारी दें। वह अपने वाहनों, घरों आदि पर भारत का राष्ट्रीय ध्वज लगा लें। ताकि, युद्ध में उन्हें नुकसान से बचाया जा सके।

16 लोग निकल चुके हैं बाहर

पुलिस के अनुसार 16 ऐसे लोग बताए जा रहे हैं जो यूक्रेन की राजधानी कीव व अन्य शहरों से बाहर निकल गए हैं। वे या तो दूसरे देशों के बॉर्डर पर हैं या अभी रास्ते में हैं। हालांकि, पुलिस पुष्ट तौर पर इसकी जानकारी नहीं दे सकती है। इसे सत्यापित करने के लिए भी विदेश मंत्रालय को जानकारी दी गई है। डीजीपी ने बताया कि सभी जिलों की पुलिस को इस मसले में सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। ताकि, समय रहते जानकारी को केंद्र सरकार तक पहुंचाया जा सके।