अब पहाड़ी खेती को मिलेगी बंदरों से निजात

FacebookTwitterGoogle+WhatsAppGoogle GmailWeChatYahoo BookmarksYahoo MailYahoo Messenger

मीडिया लाइव, अल्मोड़ा : उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों से लगातार हो रहे पलायन की एक मुख्य वजह यह भी माना जा रहा है कि, जो लोग पहले खेती बाड़ी से अपना घर-चला लेते थे. उनकी फसलों को बंदर और अन्य जंगली जानवर बर्बाद कर दे रहे हैं.  ऐसे में उनके पास शहरों की तरफ पलायन करने के अलावा कोई दूसरा चारा नहीं है. कई सरकारी रिपोर्ट भी इसकी तस्दीक करती रही हैं. ऐसे में सरकार पर बंदरों और अन्य जानवरों से निजात दिलाने को लेकर लगातार दबाव पड़ता रहा है. लेकिन अब सरकारी स्तर पर इस गंभीर समस्या पर पशुपालन विभाग के जरिये कुछ लगाम लगाने की कोशिशे शुरू होती दिख रही हैं.
दरअसल जनता की मांग पर अब सरकार ने बंदरों की बढ़ती आबादी को रोकने का निर्णय लिया है. इसी कड़ी में अल्मोड़ा में बन्दरों के आंतक से निजात दिलाने के लिए एन.टी.डी. स्थित बधियाकरण केन्द्र में आज से बन्दरों का बधियाकरण शुरू कर दिया गया है। इस पर जिला अधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने पहले ही निर्देश जारी कर दिए थे. अब बन्दरों की समस्या से लोगों को राहत दिलाने के लिए शनिवार को कुल 7 बन्दरों का बधियाकरण किया गया। मुख्य पशुचिकित्साधिकारी, डाॅ. रविन्द्र चन्द्रा, ने बताया कि यह अभियान निरन्तर जारी रहेगा, इसके लिए डाॅक्टरों की टीम ने अपना काम शुरू कर दिया है. उन्होने बताया कि वन विभाग बन्दरों को पकड़ने का काम करेगा. इस बधियाकरण अभियान में अपर मुख्य पशुचिकित्साधिकारी डाॅ. योगेश शर्मा, डाॅ. करन गुप्ता, डाॅ. कमल दुर्गापाल, डाॅ. कनिका पाण्डे, आदि उपस्थित थे।