जोशीमठ भू धंसाव आपदा पर आपदा प्रबंधन सचिव की प्रभावितों और CBRI की बैठक
मीडिया लाइव, जोशीमठ : जोशीमठ भू धंसाव आपदा के बाद अब नगर के प्रभावितों के लिए पुनर्वास नीति और पुनर्निर्माण सहित जोशीमठ नगर की दशा दिशा और प्लान तैयार करने को लेकर आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा की अध्यक्षता मे प्रभावित परिवारों आम जनता, जनप्रतिनिधियों और प्रशासन के बीच नगर पालिका सभागार जोशीमठ में एक विशेष बैठक हुई.

इस बठक में आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा ने प्रोजेक्टर के जरिए जोशीमठ नगर के मौजूदा हालात से लोगों को रूबरू कराया. उन्होंने बताया कि जोशीमठ नगर को आपदा की दृष्टि से तीन जोन में बांटा गया है. हाई रिस्क, मीडियम रिस्क और लो रिस्क जोन, और सरकार प्राथमिकता के तौर पर सबसे पहले हाई रिस्क जोन छेत्र को खाली करने को लेकर होम वर्क तैयार कर रही है,वहीं बैठक में स्थानीय लोगो ने साफ तौर पर कहा कि वो किसी भी दशा में जोशीमठ नगर को छोड़ नही सकते है. आसपास के लो रिस्क या सेफ जोन में ही उन्हें बसाया जाय,और साथ ही सबके रोजगार, को लेकर भी सरकार सोचे, बैठक में जोशीमठ के हाई रिस्क जोन के लोगों को गोचर बमोथ के समीप बसाने के मुद्दे पर जन प्रतिनिधि माधव प्रसाद सेमवाल ने कहा कि बिना स्थानीय लोगो के विश्वास में लिए कोई भी पुनर्वास कार्य शुरू न हो.
वहीं स्थानीय जन प्रतिनिधियों का कहना था की सरकार ने हाई रिस्क जोन के प्रभावितों को गौचर के समीप बमोथ नामक जगह पर टाउन शिप बनाकर रखने की प्रस्ताव को एक सिरे से नकार दिया है. पहले सामाजिक प्रभाव रिपोर्ट बने और सबके रोजगार को लेकर सरकार गारंटी दे. प्रश्न उठा कि ये रिपोर्ट सिर्फ स्थानीय लोगो के लिए बनी है, क्या सेना,आईटीबीपी, एनटीपीसी के आवासों टाउन शिप को कोई खतरा नही है. उन्हे रिस्क जोन में नही रखना लोगों को कही न कही नाराजगी दिखा गया है,जिसके बाद आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा ने कहा की सभी लोगो को साथ लेकर ही एक बृहद सर्वे करते हुए सबकी राय ली जाएगी और उसके बाद ही सबके सुझावों को लेकर ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा.
बता दें की नगर में एक बार फिर CBRI की टीम द्वारा सभी वार्डो में दोबारा भवनों के सर्वेक्ष्ण और दरारों का निरीक्षण करने के साथ ही चिन्हित भवनों पर दोबारा निशान लगाने की प्रक्रिया के चलते लोगों को एकबार फिर बड़ी चिंता सताने लगी है, बैठक के बाद नगर में एक बार फिर से आपदा प्रभावितों और स्थानीय लोगो में विस्थापन को लेकर बहस छिड़ गई है, जोशीमठ नगर का स्थानीय लोगो में सरकार की पुनर्वास की पॉलिसी को लेकर सहमति नही बन रही है, सरकार की ताजा सर्वे रिपोर्ट को देखा जाय तो करीब 80% जोशीमठ नगर रिस्कजोन में है, सेफ जोन में अभी सिर्फ एनटीपीसी टाउन शिप, सेना at कंपनी,ब्रिगेड, आईटीबीपी,सेमा गांव, आईटीबीपी सुनील का बताया जा रहा है,जिसको लेकर लोगो में खासा आक्रोश दिखा है, की सरकारी और सैन्य बाहुल्य छेत्र हो नो रिस्क जोन में कैसे है जबकि वहां सबसे ज्यादा धंसाव इन्ही छेत्र में है लिहाजा लोगो में इस रिपोर्ट को लेकर अभी से विरोध दिखने लगा है.