मीडिया LIVE : सड़क दुर्घटनाओं को लेकर परिवहन मंत्री हुए सख्त, मामला गंभीर है, सबको समझना चाहिए!
सड़क दुर्घटनाओं और इससे होने वाली मौतों में कमी लाने और सरकार के 2022 तक सड़क दुर्घटना में 50 प्रतिशत कमी लाने के लक्ष्य को हासिल करने को सम्बन्धित विभाग आपसी समन्वय से हरसम्भव प्रयासों को गम्भीरता से अमल में लाएं।
मीडिया लाइव, देहरादून: प्रदेश के परिवहन मंत्री यशपाल आर्य ने विधान सभा स्थित कक्ष में आयोजित बैठक में राज्य स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति की समीक्षा बैठक में परिवहन विभाग, लोक निर्माण विभाग, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, यातायात पुलिस, स्वास्थ्य विभाग तथा समिति से जुडे हुए अन्य विभागीय अधिकारियों को स्पष्ट दिशा निर्देश दिये।
दुर्घटना के वक्त जीरो टाइम को लेकर गंभीर दिखे मंत्री!
मंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया कि दुर्घटना के समय गोल्डन आवर यानी दुर्घटना के समय का पहला एक घण्टा- जीरो टाईम में लोगो का जीवन बचाने हेतु निजी ऐम्बुलेन्स को भी सरकारी 108 ऐम्बुलेन्स की तरह उपयोग में लाया जाय। इसके लिए उन्होने स्वास्थ्य विभाग को तत्काल प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिये। साथ ही स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया कि समस्त ऐम्बुलेन्स वाहनों में जीपीएस सिस्टम लगाया जाय तथा लोगो द्वारा आपात स्थिति में 108 ऐम्बुलेन्स की डिमॉड करने के दौरान ऐम्बुलेन्स द्वारा की गई त्वरित कार्यवाही तथा उसकी लोकेशन इत्यादि की मॉनिटिरिंग करने हेतु एक मॉनिटिरिंग कन्ट्रोल रूम से उसकी बराबर निगरानी की जाय।
लोनिवि व एनएच अथॉरिटी को अधूरे काम जल्द पूरे करने को कहा!
लोक निर्माण विभाग तथा राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को निर्देशित किया कि उनके क्षेत्रों में जहॉ पर भी अधिकतर सड़क दुर्घटनाएं घटित हुई है उनका बारीकी से अघ्ययन करते हुए इन्फ्रास्ट्रकचर (ब्लैक स्पॉट, स्पीड ब्रेकर, साईन बोर्ड, कै्रश बैरियर इत्यादि ) सुधार से सम्बन्धित जो भी कार्य किये जाने है अथवा जो भी कार्य अभी तक लम्बित है उनको प्राथमिकता आधारित पूरा करें।
आरटीओ और यातायात पुलिस को नियम तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश!
मंत्री ने परिवहन विभाग और यातायात पुलिस को निर्देशित किया कि सड़क सुरक्षा को चुनौती प्रदान करने वालो तथा सुरक्षा मानको का विभिन्न प्रकार से उल्लघ्ंान करने वालों पर सख्त प्रवर्तन की कार्यवाही की जाय और सड़क सुरक्षा की दृष्टि से जोखिम स्थलों पर पेट्रोंलिग बढाई जाय। दोनो विभाग ओवर स्पीडिंग, नशे में अथवा मोबाईल पर बात करते हुए वाहन चलाने, ओवरलोडिंग, बिना हेल्मेन्ट अथवा सीटबैल्ट के वाहन चालने इत्यादि पर रोकथाम लगायें। राष्ट्रीय राजमार्गो एवं राज्य मार्गो पर अवैध रूप से खोले गये रोड मीडियन्स को चिन्हित करते हुए उनको बन्द किया जाय।
नए संपर्क मार्गो का सड़क सुरक्षा की दृष्टि से स्थलीय निरीक्षण किया जाए!
परिवहन विभाग को निर्देशित किया कि जनपदीय स्तरीय ऐसे सड़क-सम्पर्क मार्ग जिनका अभी तक जनपदीय सड़क सुरक्षा समिति द्वारा सुरक्षा के मानको की दृष्टि से स्थलीय निरीक्षण नही किया गया है उनका स्थलीय निरीक्षण करते हुए तद्नुसार अग्रिम कार्यवाही की जाय।
अदालत के सुझावों के तहत सड़क सुरक्षा को लेकर आधुनिक तकनीक का उपयोग हो
उन्होने राज्य स्तरीय समिति से जुडे सभी विभागो को सड़क दुर्घटनों में कमी लाने के लिए न्यायलय द्वारा गठित सडक सुरक्षा समिति के सुझावों के अनुरूप आधुनिक तकनीक (ऐम्बुलेन्स वाहनों में जीपीएस सिस्टम, ओटोमैटेड चालान प्रक्रिया, प्रमुख स्थानों पर सीसीटीवी कैमरा लगाने, सोशल मिडिया और वाटसअप के माध्यम से आपसी सूचना और लोगो को जागरूक करने इत्यादि) का अधिकाधिक उपयोग करते हुए विभिन्न स्तर पर निगरानी करने, आपसी सूचनाओं के त्वारित और सटीक सूचना प्रेषण हेतु उपयोग में लाने को कहा।
एनएच व एसएच से जुड़ने वाली सड़कों पर स्पीड ब्रेकर व चेतावनी साइन बोर्ड लगाएं!
निर्देशित किया कि नेशनल हाईवे तथा मुख्य सड़क मार्ग से राज्यभर में जितनी भी सड़के और सम्पर्क मार्ग सीधे जुडते है इन सभी मार्गो पर अनिवार्य रूप से स्पीड ब्रेकर और चेतावनीयुक्त साईनबोर्ड लगाया जाय।
क्या कहा परिवहन आयुक्त ने ये भी जान लीजिए!
आयुक्त परिवहन ने अवगत कराया कि राज्य में सर्वाधिक दुर्घटनाएॅ राष्ट्रीय राजमार्ग पर घटित होती है, दोपहिया वाहनों एवं निजी कार से अधिक दुर्घटनाएॅ घटित हुई है तथा इसमें ही अधिकतर लोगो की मूत्यु हुई है। देहरादून, हरिद्वार और उधमसिंहनगर तीनों जनपदों में सर्वाधिक ब्लैक स्पॉट चिन्हित किये गये है जिनके तीव्र सुधारीकरण की कार्यवाही गतिमान है।
जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएं
इसके अतिरिक्त उन्होने व्यापक पैमाने पर लोगो को सड़क सुरक्षा से सम्बन्धित मानक से लगातार जागरूक करने तथा इसके लिए ऑनलाईन और ऑफलाईन दोनो माध्यम से जागरूकता कार्यक्रम चलाने के निर्देश दिये।
ये अफसर रहे मौजूद बैठक में
इस अवसर पर बैठक में आयुक्त गढवाल रविनाथ रमन, सचिव परिवहन रणजीत सिन्हा, प्रभारी सचिव वी षणमुगम, परिवहन आयुक्त दीपेन्द्र चौधरी, डीआईजी रिधिम अग्रवाल व नीरू गर्ग, निदेशक स्वास्थ्य डॉ. सूमन आर्य, मुख्य अभियन्ता ओम प्रकाश, आदि सहित अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद थे।