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MEDIA LIVE : कुंजवाल और अग्रवाल द्वारा की गई भर्तियां निरस्त 2016 में 150 ,2020 की 6 और 2021 की 72 बैक डोर भर्तियां हुई निरस्त!

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मीडिया लाइव, देहरादून: विधानसभा भर्तियों को लेकर गठित उच्च स्तरीय कमेटी की जांच रिपोर्ट के सामने आने के बाद विधानसभा स्पीकर रितु खंडूरी ने 2016 से 2020–21 में हुई तमाम तदर्थ नियुक्तियों को निरस्त कर दिया है। यह बात उन्होंने विधानसभा स्थित अपने कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहीं।

बता दें कि उत्तराखंड में उत्तराखंड में सरकारी नौकरियों को लेकर मचे हंगामे के बीच विधानसभा में बैक डोर से की गई भर्तियों को निरस्त करने की मांग हो रही थी। इसके अलावा विधानसभा में हुई अब तक की सभी भर्तियों की जांच की मांग भी विपक्ष की तरफ से लगातार की जा रही थी। इस पूरे मामले की जांच को लेकर सीएम धामी ने विधानसभा अध्यक्ष से जांच करने को लेकर आग्रह किया था। जिसके बाद एक उच्च स्तरीय विशेषज्ञ जांच कमेटी का गठन किया गया। जांच कमेटी की तरफ से समय से जांच कर गुरुवार देर रात विधानसभा स्पीकर को रिपोर्ट सौंपी गई।

बता दें कि इससे पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विवादित भर्तियों को निरस्त करने की मांग विधानसभा स्पीकर से की थी। अब जांच रिपोर्ट आने के बाद आज शुक्रवार को अपने विधानसभा स्थित कार्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए विधानसभा स्पीकर रितु खंडूरी ने साफ कर दिया है कि वर्ष 2016, 2020 और 2021 में की गई विधानसभा की भर्तियों को पूर्ण रूप से निरस्त कर दिया गया है।

मीडिया को जानकारी देते हुए और सवालों के जवाब में विधानसभा स्पीकर ने कहा कि विधानसभा की पवित्रता गरिमा को बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास किए जाते रहेंगे। उन्होंने कहा इस इंस्ट्यूशन के कंधों पर सर्वोच्च जिम्मेदारियां होती हैं। लिहाजा यहां से किसी भी तरह का विवादित असंवैधानिक, अलोकतांत्रिक और संदेश नहीं जाना चाहिए। स्पीकर ने कहा जांच समिति ने तय समय से पहले पूरी जांच की। जिसमें विधानसभा ने उन्हें पूरा सहयोग किया। जांच रिपोर्ट करीब 2014 पेज की है। इसके अलावा उसमें कई अन्य दस्तावेज अटैच हैं। जांच समिति ने पाया कि इन भर्तियों में अनियमितता बरती गई। निर्धारित नियमों का पालन नहीं किया गया। समिति ने जांच में जिन नियोक्तियों में अनियमितता पाई उनको तत्काल प्रभाव से निरस्त करने की सिफारिश की है। समिति ने इन भर्तियों को भारत के संविधान के समानता के अधिकार का उल्लंघन करार दिया।

स्पीकर ने कहा कि विशेषज्ञ समिति की विस्तृत जांच रिपोर्ट के बाद इन सभी तदर्थ नियुक्तियों को निरस्त किया जाता है।

स्पीकर ने एक बार फिर दोहराया कि मैंने प्रदेश के युवाओं को आश्वस्त किया था कि उन्हें निराश नहीं किया जाएगा। आज जांच रिपोर्ट के बाद हमने सख्त निर्णय लेते हुए लोगों की आशाओं पर खरे उतरने का निर्णय लिया है।