MEDIA LIVE: भाई के साथ मिलकर कर डाली थी पति की हत्या, अब हुई गिरफ्तारी !
नैनीताल: जिले के चर्चित चंदन सिंह गौनिया हत्याकांड का पुलिस ने आखिरकार दो महीने 10 दिन बाद खुलासा कर दिया है। इस मामले में मृतक की पत्नी 21 वर्षीय यशवंती देवी, उसके भाई 22 वर्षीय दिनेश रावत और एक टैक्सी चालक 25 वर्षीय कमल रावत पुत्र चैन सिंह रावत को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक वैवाहिक जीवन अच्छा न चलने के कारण चंदन की हत्या की गई। ससुराल जाने के दौरान ही चंदन लापता हो गया और खोजबीन करने पर छह जून को यानी 5 दिन के बाद चंदन की लाश ससुराल के पास मुख्य मार्ग से एक किलोमीटर दूर जंगल में मिली। लाश को तेजाब से जलाया गया था।
मामले की गंभीरता को देखते हुए राजस्व क्षेत्र के इस मामले को पुलिस ने अपने हाथ में लिया। आगे 13 जून को मुक्तेश्वर पुलिस ने चंदन के भाई सुरेश की तहरीर पर अज्ञात हत्यारों के खिलाफ अभियोग पंजीकृत किया। तभी से पुलिस हत्याकांड का खुलासा करने के प्रयास में थी।
एसपी-अपराध डॉ.जगदीश चंद्र और एसओजी भी इस मामले की जांच कर रही थी। इस बीच पुलिस ने गांव 250 से अधिक लोगों से पूछताछ व गत 26 जुलाई को मृतक की पत्नी यशवंती, उसके भाई दिनेश व जीजा नरेद्र मेवाड़ी को दिल्ली स्थित सीबीआई के कार्यालय में ले जाकर उनकी पॉलीग्राफ जांच भी कराई थी, ताकि उनसे सच उगलवाया जा सके। लेकिन पॉलीग्राफ जांच की रिपोर्ट आने से पूर्व ही पुलिस ने हत्याकांड का खुलासा कर दिया है।
एसएसपी पंकज भट्ट ने बताया कि हत्यारोपितों ने अपने जुर्म को पुलिस के समक्ष स्वीकार कर लिया है। पुलिस ने आज घटना का खुलासा करते हुए बताया कि पति-पत्नी के बीच दांपत्य जीवन ठीक नहीं चल रहा था। इसलिए यशवंती अपने पति चंदन से मुक्त होना चाहती थी। इसलिए उसने चंदन को बुलाया और दिनेश को बहन होने का वास्ता देकर कहा, उसे मार दो-अन्यथा मैं मर जाऊंगी। दिनेश ने चंदन को मारने में कमल की मदद ली।
उन्होंने चंदन को फोन कर डुंगरी बैंड में ही रुकने को कहा और वहीं उसकी पत्थर से मारकर हत्या कर दी और शव को जंगल में फेंककर चुपचाप रामलीला देखने आ गए। पहले हत्यारोपित लगातार अपने बयान बदलते रहे, और आखिर दबाव में आकर अपना जुर्म कबूल लिया। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया। लेकिन मामले के खुलासे के बाद पुलिस की थ्योरी में स्पष्टता की झलक नहीं दिख रही, क्योंकि हत्या की वजह दांपत्य जीवन सही नहीं चल रहा था के कोई ठोस कारण स्पष्ट नहीं किए गए।
बहरहाल वहीं एसएसपी ने मामले का खुलासा करने वाली पुलिस टीम को 5 हजार रुपए के नगद पुरस्कार देने की घोषणा की है। पुलिस टीम में थानाध्यक्ष मुक्तेश्वर महेश जोशी, एसओजी प्रभारी नंदन सिंह रावत, आरक्षी विपिन शर्मा, राजेश कुमार, प्रदीप पिल्ख्वाल, चंद्रशेखर मल्होत्रा, सुमन राणा, त्रिलोक सिंह व अशोक शामिल रहे।