रातों-रात काट डाला हरे भरे आम का बगीचा
मीडिया लाइव, रुड़की : जहां एक और सरकार पर्यावरण को बचाने की बात करती है और उस पर्यावरण को बचाने के लिए पेड़ पौधे लगाए जाने की बात कही जाती है और हर साल हरेला पर्व भी मनाया जाता है जिसमें नेताओं से लेकर विभागीय अधिकारी भी प्रतिभाग करते हैं लेकिन इस पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने में लकड़ी माफिया का सबसे बड़ा योगदान रहता है क्योंकि मौके का फायदा उठाकर लकड़ी माफिया हरे भरे प्रतिबंधित पेड़ों पर आरी चला देते हैं।
आपको बता दे ताजा मामला रुड़की रेंज के मानकपुर का है जहां बीती रात 50 से अधिक पेड़ों पर आरी चला दी गई यह प्रतिबंधित आम के पेड़ का बगीचा था जिसको लकड़ी माफिया रातों-रात काटकर ले गए जो की उद्यान विभाग के अधिकारियों सहित वन विभाग के अधिकारियों पर सवालिया निशान खड़ा करता है कि जब यहां से इन आम के बगीचे को काटा जा रहा था उसे वक्त दोनों विभाग के अधिकारी क्या कुम्भकरणी नींद सोये हुए थे या जब यहां से पेड़ों का पातन होने के बाद लकड़ी का परिवहन हुआ तो क्या उस वक्त वन विभाग के अधिकारी दिवाली मना रहे थे या फिर गहरी नींद सोये थे । सवाल यह भी खड़ा होता है कि उद्यान विभाग के अधिकारी मौक़े पर नहीं पहुंच रहे थे जब मीडिया कर्मियों के द्वारा उद्यान अधिकारी को बताया गया उसके भी 2 घंटे बाद वह मौके पर पहुंचे हालांकि उद्यान अधिकारी का कहना है कि 40 पेड़ों की जिओ टेकिंग उनके द्वारा की गई है और वह एफआईआर कर रहे है। हालांकि इससे पहले भी 25 पेड़ों की परमिशन के नाम पर यहां से अधिक पेड़ काट लिए गए थे जिसमें उद्यान अधिकारियों के द्वारा 30 पेड़ों की एफआईआर पहले भी कराई गई थी वह मामला निपटा भी नहीं था कि अब बिना परमिशन के ही रातों-रात पूरा बगीचा साफ कर दिया गया है आब देखना होगा की क्या पेपरो में ही यह पूरा मामला लिपटकर रह जाएगा या फिर अधिकारी कुछ आगे कार्यवाही कर पाएंगे क्योंकि वन माफिया के हौसले लगातार बुलंद होते दिखाई दे रहे हैं।