कख जाणी छै “मेरी सौंजड़्या” उत्तराखंडी पहाड़ी सौंग
कख जाणी छै “मेरी सौंजड़्या” एक शानदार लव और मेलोडी उत्तराखंडी पहाड़ी सौंग है. जिसे गोपाल बाबू गोस्वामी आरबीजी के यूट्यूब चैनल पर रिलीज किया गया है. गीत के बोल के साथ संगीत पक्ष भी अपने आप में बेहद कर्णप्रिय है, किसी भी श्रोता को मोहित करने लिए गीतकार और संगीतकार ने काफी मेहनत की है. नए गीतकार और गायक परुण कंडारी का ये पहला गीत है. नौजवान प्रेमी जोड़ों और युवाओं को यह गीत पसंद आ सकता है.आप इस गीत को लाइफ टाइम कभी भी सुन सकते हैं. संगीत संयोजन की बात करें ,तो गीत में शास्त्रीय संगीत का समावेश किया गया है. गीत की शुरुआत बांसुरी की मोहक धुन से होती है और फिर ढोलक और कैसियो धुन को गति देते हुए आगे बढ़ते हैं, इसके साथ गिटार, ढोलक, तबला, जल तरंग, बायलिन और लोक बाध्य हुड़के का गठजोड़ और सितार की आवाज का संगम इसे और मजेदार बना देता है. गायक की आवाज गीत और उसके आभास और कल्पना के साथ तालमेल बिठाने में सफल रही है. अगर टाइटल के शब्द चयन पर ज्यादा ध्यान नहीं देंगे और केवल उसके मर्म को समझने की कोशिश करेंगे, तो श्रोता इस गीत से खुद को जोड़ सकते है. बहरहाल गीत शुक्रवार को रिलीज हुआ है, और धीरे-धीरे इसकी व्यूअर संख्या बढ़ रही है आप इस गीत को यूट्यूब पर सीधे जाकर परुण कंडारी टाइप करके भी सर्च कर सकते हैं.