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जोशीमठ क्राइसिस : प्रभावित होटलों और घरों के पीड़ितों के विरोध के बीच होगा ध्वस्तीकरण ?

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joshimath : जोशीमठ में भू- धंसाव से सबसे ज्यादा प्रभावित मलारी इन होटल के समीप पुलिस फोर्स बढ़ने के बाद मंगलवार देर शाम स्थानीय लोगों के विरोध प्रदर्शन के बीच होटल नहीं तोड़ा गया। लेकिन लगातार बढ़ती दरारों के खतरे को देखते हुए प्रशासन आज सख्ती कर सकता है। ऐसी चर्चाएं यहाँ लोगों के बीच आमतौर पर हो रही हैं।

ध्वस्तीकरण की कार्यवाही के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के बीच दोनों होटलों के पास स्थित लोग प्रदर्शन करते हुए सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। उन्होंने बदरीनाथ मास्टर प्लान के अनुसार मुआवजा देने की मांग उठाई।अंशु रावत, रजनी रावत, सतेश्वरी, अंजलि एवं दीपक रावत ने कहा कि सरकार केवल दो होटल को तोड़ रही है। लेकिन, इन होटल के नीचे रहने वाले परिवारों के बारे में अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।

इस क्षेत्र में करीब दस और परिवारों के घर भी खतरे की जद में है। निशान लगाए: दोनों होटलों के नीचे करीब 200 मीटर दायरे में छह घर ऐसे थे, जिन्हें खाली नहीं कराया गया था। इसमें कृष्णा व्यास, देवी फस्र्वाण, पुष्कर बिष्ट, मनोरमा देवी का मकान है। इन सबके मकानों पर लाल निशान तो लगाए गए, मगर वह खाली नहीं कराए गए। एवीडीओ मोहन जोशी के नेतृत्व में इन्हें मनाने की कोशिश की गई।

ध्वस्तीकरण के खिलाफ बड़ी संख्या में होटल स्वामियों व लोग प्रदर्शन कर रहे हैं
सरकारी और प्रशासन की तरफ से उठाए गए क़दमों के विरोध में जोशीमठ में लोगों का विरोध प्रदर्शन जारी है। होटल मालिक होटल के गेट पर स्थानीय लोगों के साथ मिलकर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। ये प्रभावती कारोबारी और मकान मालिक सरकार से लिखित आश्वासन और उचित मुआवजे की मांग कर रहे हैं। बड़ी संख्या में स्थानीय लोग भी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। जिस तरह के हालात जोशीमठ में बने हुए हैं। उससे जाहिर होता है कि सरकार और लोगों के बीच मौजूदा हालातों से निपटने के लिए कोई स्पष्ट और भविष्य को देखते हुए कोई रोड मैप सामने नहीं आ पा रहा है। यही कारन है कि स्थानीय लोग अनिश्चितताओं के दौर से गुजर रहे हैं।

दरारग्रस्त होटलों और मकानों के तोड़ने से पहले एक बार फिर जोशीमठ में विरोध शुरू हो गया है। धवस्तीकरण की कार्रवाई के खिलाफ बुधवार को भी लोगों का गुस्सा फूटा। लोगों ने प्रशासन और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। लोगों का कहना है कि बिना लिखित आश्वासन के धवस्तीकरण नहीं करने दिया जाएगा। मालूम हो कि लोगों के विरोध के चलते जोशीमठ में मंगलवार को ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू नहीं हो पाई। सुबह आठ बजे से लेकर देर शाम तक गतिरोध बना रहा।

हालांकि, सीबीआरआई ने खतरनाक घोषित किए गए दोनों होटलों के ध्वस्तीकरण के लिए सर्वे शुरू कर दिया। यूपीसीएल ने होटल के सामने से गुजर रही बिजली लाइन को हटाना शुरू कर दिया है। मंगलवार को शासन के निर्देश के तहत स्थानीय पुलिस-प्रशासन, एसडीआरएफ ने ध्वस्तीकरण की तैयारी शुरू की। यह देख बड़ी संख्या में लोग मौके पर इकट्ठा हो गए। उन्हें लगा कि आज से ही ध्वस्तीकरण शुरू होने जा रहा है।

होटल मलारी इन के मालिक ठाकुर सिंह राणा और माउंट व्यू के मालिक सुंदरलाल सेमवाल ने एसडीआरएफ और प्रशासन के अफसरों के सामने विरोध जताया। उन्होंने कहा कि ध्वस्तीकरण के बाबत मीडिया के जरिए जानकारी मिली। पुलिस-प्रशासन ने न तो कोई नोटिस ही दिया और न ही मुआवजे को लेकर कुछ साफ किया। कुछ समय बाद सियासी दल और सामाजिक संगठनों के लोग भी वहां आ गए और उन्होंने भी कार्रवाई का विरोध किया।

इस सेक्टर के नोडल वीर सिंह बुदियाल ने लोगों को समझाने का प्रयास किया पर वे नहीं माने। ठाकुर सिंह राणा ने कहा, बिना सहमति होटल को छेड़ा गया तो वो परिवार के साथ आत्मदाह कर लेंगे। देर शाम तक गतिरोध की स्थिति बनी रही। इसके चलते ध्वस्तीकरण शुरू नहीं हो पाया था।