मानसून की तैयारियों को लेकर सरकार सजग
मीडिया लाइव,पौड़ी : राज्य में मानसून की तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आज वीडियो कॉफ्रेसिंग के माध्यम से जिलावार समीक्षा की। जनपद से वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिलीप सिह कुंवर एवं प्रभारी जिलाधिकारी मुख्य विकास अधिकारी दीप्ति सिह सहित संबंधित अधिकारियों ने वीसी के माध्यम से बैठक में प्रतिभाग किया।
मुख्यमंत्री रावत ने सभी जिलाधिकारियों से मानसून के दौरान अतिवृष्टि आदि से होने वाली संभावित आपदा की स्थिति में राहत व बचाव कार्यो की व्यापक तैयारी करने के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि आपदा राहत का ऐसा तंत्र विकसित किया जाय ताकि प्रदेश में आपदा से कोई जन हानि होने पाये। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि आपदा रिस्पांस टाइम आधा घंटे से अधिक न हो। उन्होंने पीडितों को आपदा राहत की त्वरित उपलब्धता भी सुनिश्चत करने को कहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा मद में जिलाधिकारियों को पर्याप्त धनराशि उपलब्ध करायी गई है। भविष्य में भी इस सम्बन्ध में धनराशि की कमी नही होने दी जायेगी।
बुधवार को मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह के साथ ही शासन के उच्चाधिकारियों, आयुक्तो, सभी जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मानसून पूर्व तैयारियों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि जनपदों में डिजास्टर प्रोन एरिया चिन्हित करने के साथ ही बरसात में होने वाले जलजनित बीमारियो की रोकथाम, बिजली, पानी, स्वास्थ्य जैसी आवश्यक सेवाओं पर विशेष ध्यान दिया जाय। उन्होंने निर्देश दिये कि हेली कम्पनियो को सख्त हिदायत दी जाय कि वे आपदा के समय त्वरित राहत उपलब्ध कराने में विशेष ध्यान दे। उन्होंने जिलाधिकारियों को यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि आपदा के समय सभी कार्मिक अपने कार्यस्थल पर उपस्थित रहे। रीवर ट्रेडिंग के साथ ही शहरो की नालियों की सफाई पर भी विशेष ध्यान देने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये। सचिव आपदा प्रबंधन श्री अमित नेगी ने इस सम्बंध में जारी दिशा-निर्देशों का व्यापक प्रस्तुतीकरण के साथ जिलाधिकारियों से उसके क्रियान्वयन पर ध्यान देने के साथ ही इस संबंध में आने वाली समस्याओं की भी जानकारी प्राप्त की सचिव नागरिक उड्डयन श्री दिलीप जावलकर ने जिलाधिकारियों से जनपद में उपयोग में लाये जाने वाले ड्रोन के उपयोग में सतर्कता बरतने के साथ ही इस सम्बन्ध में डीजीसीए की गाइड लाइन का संज्ञान लेने की अपेक्षा की।
प्रभारी जिलाधिकारी/मुख्य विकास अधिकारी पौडी दीप्ति सिह ने बताया कि जनपद में आपदा से निपटने के लिए सभी तैयारी पूर्ण कर लिया गया है। संबंधित अधिकारियों को अपने दायित्व की निर्वहन हेतु दो मॉकड्रील अभ्यास की गई है। पांच स्थानो पर रीवर ट्रेडिंग की गई है, पौड़ी, सतपुली मालन नदी आदि में भी रीवर ट्रेडिंग की तैयारी किया जा रहा है। कहा कि सड़क दुर्घटना को दृष्टिगत रखते हुए, एआरटीओ के ओर से नियमित चैंकिग अभियान जारी है, जबकि समन्यवय हेतु हॉकी-टाक एवं वायरलैस पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। तहसील स्तर पर तहसीलदार को अधिकार दिया गया है। आगामी तीन माह के खाद्यान का भण्डारण किया गया है। वहीं आपदा प्रबंधन के तहत स्वयं सहायता समुह से भी 200 पैकेट रक्षित की गई है। कोटद्वार में नगर निगम के द्वारा नालियो की सफाई की जा रही है। मार्ग अवरूद्ध होने पर पर्याप्त मात्रा में वैकल्पिक इंतजाम की गई है। कहा कि जनपद में 36 वैकल्पिक मार्ग के रूप में चिन्हित किया गया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिलीप सिह कुंवर ने बताया कि जनपद में इंफोर्समेन्ट बढ़ाये गये है। जिसमें सीडीआरएफ की दो, जल पूलिस की दो, क्युआरटी की एक तथा आईआरबी की एक टीम मौजुद है। आपदा को दृष्टिगत रखते हुए होटल, ढाबा एवं टैक्सी वालों के साथ बैठक तथा संपर्क कर दरों-किराये पर बढोतरी न करने की हिदायत दिया जा रहा है। उन्होने बताया कि जनपद में उपलब्ध दो बडी रिकवरी वेन उपयोग में नही लाया गया है। उन्होने पांच छोटी क्रेन देने की मांग की।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव श्री ओम प्रकाश, श्रीमती राधा रतूड़ी, डीजीपी श्री अनिल रतूड़ी, सचिव श्रीमती भूपिन्दर कौर औलख, श्री नितेश झा के साथ ही, मौसम, पुलिस, बीआरओ, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ पदाधिकारी सहित जनपद पौडी से अपर जिलाधिकारी डा. एस.के.बरनवाल, मुख्य कृषि अधिकारी डी.एस.रावत, मुख्य पशुचिकित्साधिकारी डा. एस.के.सिह, आपदा प्रबंधन अधिकारी दीपेश काला सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
इसी क्रम में जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने वीसी में सीएम को अवगत कराया कि चमोली में जिला मुख्यालय सहित सभी तहसीलों में आपदा कंट्रोल रूम 24 घंटे प्रभावी किए गए है। जिला एवं तहसील स्तर पर सभी को माॅक अभ्यास भी कराया जा चुका है। तहसील व थानों में राहत बचाव हेतु आवश्यक उपकरण रखे गए है। जिले में 71 हैलीपैड भी चिन्हित है, जिन्हें आपदा के दौरान इस्तेमाल किया जा सकता है। बताया कि जिले में 37 भूस्खलन एरिया को चिन्हित किया गया है तथा इन क्षेत्रों के आसपास 140 मशीने व मैनपाॅवर की तैनाती करते हुए मशीन आॅपरेटरों के नंबर भी अपडेट किए गए है। मशीनों की ट्रैकिंग के लिए 26 जून तक सभी मशीनों में जीपीएस लगाने का कार्य पूरा किया जाएगा। सबसे अधिक संवेदनशील क्षेत्र लामबगड़ में मार्ग अवरूद्व होने पर पुलिस चैकी में यात्रियों के ठहरने के लिए व्यवस्था की गई है। इसके अलावा आपदा के दौरान राहत शिविरों के लिए भी स्थान चिन्हित किए गए है। मानसून काल के लिए अगस्त माह तक का खाद्यान्न का भंडारण भी रखा गया है। जिलाधिकारी ने मानसून सत्र के लिए की गई अन्य व्यवस्थाओं के बारे मे भी पूरी जानकारी दी।
वीसी में एसपी यशवंत सिंह चैहान, सीडीओ हंसादत्त पांडे, सीएमओ डा. एके डिमरी, संयुक्त मजिस्ट्रेट आकांक्षा वर्मा, सीटीओ वीरेन्द्र कुमार, जिला आपदा प्रबन्धन अधिकारी एनके जोशी सहित स़ड़क, पेयजल, खाद्यान्न आदि विभागों के अधिकारी मौजूद थे।