चारधाम यात्रा पर सरकार का पूरी नजर रखने का दावा…
मीडिया लाइव, देहरादून: उत्तराखंड की विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए राज्य सरकार तैयारियों में जुटी है, लेकिन यात्रा क्षेत्र के उच्च हिमालयी इलाकों में मौसम, भूस्खलन और पर्यावरण संरक्षण, सुरक्षित यातायात जैसी कई चुनौतियां भी सामने हैं। इन चुनौतियों से पार पाने के लिए सरकार की तरफ से हमेशा की तरह यात्रा तैयारियों पर पूरी नजर रखने का दावा किया जा रहा है।
यही वजह है कि विभागीय उच्च अधिकारियों से यात्रा के दौरान व्यवस्थाओं का फीडबैक लेकर लगातार दिशा निर्देश दे रहे हैं। चारधाम यात्रा राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। यात्रा पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर से लाखों परिवारों की आजीविका टिकी है। 10 मई को केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलते ही चारधाम यात्रा शुरू हो जाएगी, जबकि 12 मई को बदरीनाथ धाम खुलेंगे।
सरकार ने सुगम, सुरक्षित और व्यवस्थित यात्रा की व्यापक तैयारियां की हैं। पिछले कुछ सालों से चारधाम यात्रा श्रद्धालुओं की संख्या में नया रिकॉर्ड बना रही है। वर्ष 2022 में 46 लाख से अधिक श्रद्धालु चारधाम यात्रा पर पहुंचे, जबकि बीते वर्ष 2023 में यह आंकड़ा 56 लाख से अधिक पहुंच गया। घोड़ा-खच्चर, डंडी कंडी, महिला सहायता समूहों, हेली सेवाओं, होटल रेस्टोरेंट, स्थानीय कारोबारियों को यात्रा से अच्छी आय हुई।
यात्रा के शुरुआत में धामों में श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए यात्रा के पहले 15 दिन वीआईपी दर्शन पर रोक लगाई गई है। सरकार ने सभी राज्यों से अनुरोध किया कि यात्रा के शुरुआती 15 दिनों में चारधाम यात्रा खासकर केदारनाथ में वीवीआईपी दर्शनों को टाला जाए।
ऐसे रखें स्वास्थ्य का खयाल
- चारोंधाम हिमालयी क्षेत्र में स्थित हैं, ऑक्सीजन लेबल भी कम होता है, इसलिए स्वास्थ्य परीक्षण के बाद ही कदम बढ़ाएं।
- सरकार की ओर से भी स्वास्थ्य परीक्षण की व्यवस्था की गई है। ब्लड प्रेशर, शुगर और हृदय रोग से पीड़ित लोग ज्यादा सावधानी बरतें। डॉक्टरी परामर्श के बाद ही यात्रा पर जाने का फैसला करें।
- यात्रा के दौरान जरूरी जीवन रक्षक दवाइयां साथ लेकर जाएं। जुकाम बुखार, सिरदर्द आदि की दवाइयां भी साथ में रखें।
- यात्रा मार्ग में खानपान का खास ध्यान रखें। ताजे भोजन का सेवन करें।
- उच्च हिमालयी क्षेत्रों में मौसम पल-पल बदलता है। इसलिए ऊनी वस्त्र, कंबल, वाटरप्रूफ बिस्तर, बरसाती, छाता, टार्च आदि आवश्यक साथ में रखें।