घर-घर भोजन पहुंचा रही आंगनबाड़ी कार्यकर्तृयां, आपके यहाँ कुपोषित बच्चों को मेवे मिले कि नहीं
- आंगनबॉडी कार्यकर्त्रियां कोरोना वारियर के तौर पर काम कर रही हैं. सोशल डिस्टेंसिंग का भी रखा जा रहा है ध्यान.
- कुपोषित बच्चों को सरकार की योजना के तहत जरूरी मेवे भी बांटे जा रहे हैं.
- ये कोरोना वारियर गांव में घर-घर जा कर पहुचा रही हैं बच्चों का पोषण आहार.
मीडिया लाइव, गोपेश्वर: लाॅकडाउन में आंगनबाडी केन्द्र बंद होने के कारण भोजन पोषण दिवस पर आंगनबाडी कार्यकत्री एवं सहायिकाओं ने घर-घर जाकर लाभार्थियों को पोषण आहार किट एवं कुक्ड फूड का वितरण किया। इस दौरान जिले में अति कुपोषित बच्चों का वजन एवं लम्बाई की नापतोल भी की गई। चमोली जनपद में 1078 आंगनबाडी केन्द्रों पर 0 से 6 साल के लगभग 22 हजार बच्चे तथा करीब 6 हजार बुजुर्ग, गर्भवती और दूध पिलाने वाली माताएं पंजीकृत है, जिनकों घर-घर जाकर टीएचआर वितरण किया गया। इस दौरान बुजुर्गो, गर्भवती महिलाओं, दूध पिलाने वाली माताओं एवं बच्चों को कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के प्रति जागरूक भी किया गया और सोसियल डिस्टेंसिंग का भी पूरा ध्यान रखा गया।
कुपोषण को रोकने के लिए महिला एवं बाल विकास के माध्यम से आंगनबाडी में पंजीकृत प्रत्येक बच्चे को टीएचआर के तहत 200 रुपये की पोषण आहार किट तथा गर्भवती महिलाओं एवं दूध पिलाने वाली माताओं, बुजुर्गो को 237.50 रुपये की पोषण आहार किट दी जाती है। पोषण आहार के तहत टेक होम राशन किट में सोयाबीन दाल, आयोडीन नमक, मूंगफली दाना, छुआरे, काजू, गुड, दलिया, सूजी, चने आदि खाद्य सामग्री दी जाती है।