साहित्य-बोली-भाषा

गौं-गल्या का हाल

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पलायन की मार बताणी च या फोटु..
पलायन की मार बताणी च य फोटु..

नि पूछ नी पूछ भुला गौं गल्या का हाल 2
क्य सूणलि ब्यथा-कथा
क्या लगाणी हाल 2
आॅंखि थकी गेनी रीता कूड़ो कि जग्वाल
उंद उंद रड़ीदि मेरू कुमौऊं-गढ़वाल 2
नि पूछ ……… हो हो हो ….
हौल छी हलेर नि कूड़ि छी रन्देर नि -2
पुंगड़ी पटलि बाॅंजि गेनि यूं कु क्वी सैंतेर नी 2
सगोड़ा-पतोड़ा कर द नी, सबि बजारू माल
नि पूछ नि पूछ भुला …हो हो हो -2
ब्यो बरात ख्याला मेलों म दारू बगैर बात नी ढोल दमोें का दिन गैनि
झम झमाक डीजे ल्या -2
गीतों क रमछोल मा, दारू का घपरोल मा
छोटा-छोटा भुुला टिपणा दारू का गिलास –2
नि पूछ नि पूछ ………
आण छ परदेश बटि हथों तैं हिलैकि
चाणा गटा खबर सार सब्यौं तैं भुलै कि -2
आन्दा जान्दा मुक लुकान्द समणी जैकि नी बच्यान्दा
कनि पड़ी जिकुड़्यू मा भुलौ पैंसु कि खिकराण.
नि पूछ नि पूछ भुला हो हो हो
नि पूछ नि पूछ ……..उन्द उन्द….2..
आॅंखि थकी गेनि रीत कूड़ो …उन्द…
रचि बसी पोसी धरती होगी बेहाल
नि पूछ नि पूछ………                                                                                                         “संतन सिंह रावत”