एकल महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने की तैयारी
मीडिया लाइव, देहरादून:उत्तराखण्ड में एकाकी जीवन बिताने वाली महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सब्सिडी आधारित योजना के तहत एक प्रतिशत ब्याज पर पशुपालन, मत्स्य पालन, टेलरिंग, फैशन डिजाइन, मसाला, आचार और शहद इत्यादि में स्वरोजगार के लिए 90 प्रतिशत राजकीय सहायता एवं 10 प्रतिशत एकल महिला का योगदान तय किया गया है। सरकार और अफसरों का मानना है कि इस योजना से जहां महिलाएं आत्मनिर्भर बनेंगी वहीं पर योजना में मालिक तौर स्थापति होंगी.
बैठक में कहा गया कि कोरोना काल में विशेष योगदान देने वाली महिलाओं के लिये 8 अगस्त को होने वाले तीलू रौतेली पुरस्कार देने की कार्ययोजना बनाने के निर्देश अधिकारियों को दिये गए हैैं। बैठक में समिति के माध्यम से इको फ्रेंडली बैग बनाने के स्व रोजगार योजना के तहत अल्मोड़ा और देहरादून जनपद में इसकी एक-एक यूनिट लगाई जायेगी।
प्रधानमंत्री मातृ बन्दन योजना के तहत लाभार्थियों को लाभ देने का कार्य तेज किया जाए तथा आधार कार्ड न होने के कारण लाभ से वंचित लोगों के जल्द से जल्द आधार कार्ड बनवाकर योजना में शामिल करने को कहा गया है। इसके साथ ही कोटद्वार और ऊधमसिंह नगर में बनने वाले बालिका छात्रावासों के सम्बन्ध में भी चर्चा की गयी।
नन्दा देवी गौरा योजना, पोषण अभियान, कामकाजी महिला छात्रावास के सम्बन्ध में चर्चा करते हुए कार्य में तेजी लाने के लिए निर्देश दिये गए हैं। प्रदेश की महिला कल्याण एवं बाल विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्या ने विधान सभा, सभाकक्ष में महिला कल्याण एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक ये तमाम दिशा निर्देश व हिदायतें दी. और समय से सभी लक्ष्यों को पूरा करने को लेकर आगाह भी किया। तय योजना के तहत व वित्तीय प्रगति पर बल देते हुए कहा कि परिणामोन्मुखी एवं महिलाओं को स्वावलम्बी एवं आत्मनिर्भर बनाने के लिए इनोवेटिव कार्य किया जाए। पुनः सितम्बर माह में आज की बैठक में दिये गये निर्देशों की समीक्षा हेतु बैठक की जायेगी।
इस अवसर पर सचिव महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास सौजन्या, निदेशक वी.षणमुगम, उप निदेशक एस.के.सिंह, मुख्य परिवीक्षा अधिकारी/जिला कार्यक्रम अधिकारी मोहित चौधरी व नोडल अधिकारी मौजूद थे।