स्वरोजगार के मौके देने में बैंकों की भूमिका जरूरी : डीएम
मीडिया लाइव, पौड़ी: ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार के निर्देशन में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के अंतर्गत विकास भवन सभागार में एक दिवसीय बैंकर्स अभिमुखीकरण कार्यशाला का सफल आयोजन किया गया। कार्यशाला में जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने उपस्थित बैंक अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका सृजन से जुड़ी गतिविधियों को प्राथमिकता दें और ऋण संबंधी आवेदनों का त्वरित निस्तारण सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते ग्रामीण उद्यमिता को व्यवसायिक स्वरूप देना सदैव चुनौतीपूर्ण रहा है।
डीएम ने कहा कि ग्रामीण युवाओं/समूहों को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने हेतु बैंकों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। जिलाधिकारी ने बैंकर्स से अपेक्षा की कि वे आवेदकों के साथ मित्रवत व्यवहार रखें और खाता खोलने से लेकर लिंकेज तक की समस्त औपचारिकताओं की एक स्पष्ट चेकलिस्ट तैयार कर आवेदकों को प्रदान करें ताकि उन्हें बार-बार बैंकों के चक्कर न लगाने पड़ें।
उन्होंने यह भी कहा कि एनआरएलएम जैसी योजनाओं में विभाग, बैंक और आवेदक के बीच एक सेतु की तरह कार्य करता हैं। जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे आवेदकों और बैंकर्स के बीच समन्वय को और बेहतर बनाने में सक्रिय भूमिका निभाएं।
इस अवसर पर एनआरएलएम समूहों को ऋण वितरण में उत्कृष्ट कार्य करने वाले बैंकर्स को सम्मानित भी किया गया। कार्यशाला में राष्ट्रीय ग्रामीण विकास संस्थान, हैदराबाद से आए नेशनल रिसोर्स पर्सन गगन भुइयां ने बैंक अधिकारियों को एनआरएलएम समूहों के सशक्तिकरण, बैंक खाता खोलने, बैंक लिंकेज प्रक्रिया, ऋण आवेदन की कार्यवाही और समयबद्ध ऋण वितरण जैसी प्रक्रियाओं की विस्तृत जानकारी दी।परियोजना निदेशक डीआरडीए विवेक कुमार उपाध्याय ने कहा कि इस प्रकार की कार्यशालाओं से एनआरएलएम समूहों को मजबूती मिलेगी और बैंकर्स व आवेदकों के बीच समन्वय को और प्रगाढ़ किया जा सकेगा।
उन्होंने सभी बैंकर्स से योजनाओं को सफल बनाने में पूर्ण सहयोग की अपील की।इस अवसर पर जिला विकास अधिकारी मनविंदर कौर, विभिन्न बैंकों के प्रबंधकगण, एनआरएलएम के कर्मचारी, स्वयं सहायता समूहों के प्रतिनिधि एवं अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।