उत्तराखण्ड न्यूज़खेती- किसानी

ट्रैक्टर पर बैठकर सत्र में पहुंचने से पहले ही बैरिकेड पर रोक दिए गए कांग्रेसी विधायक

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मीडिया लाइव,देहरादून: उत्‍तराखंड  विधानसभा के एक दिनी मानसून सत्र के लिए कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह, मनोज रावत, काजी निजामुद्दीन और आदेश चैहान ट्रैक्टर से विधानसभा के लिए निकले। प्रतीकात्मक तौर पर इसे किसान बिल के विरोध के तौर पर देखा जा सकता है। लेकिन इससे पहले कि विधायक विधानसभा में ट्रैक्टर में बैठकर पहुंचते उन्हें बैरिकेडिंग पर ही रोक दिया गया। जिसका कांग्रेस विधायकों सहित प्रदेश अध्यक्ष ने विरोध किया और वह वहीं धरने पर बैठ गए। इस दौरान पुलिस के साथ विधायकों की नोक-झोंक भी हुईं। विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष से फोन पर वार्ता कर अपना पक्ष रखा।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार संसद के मानसून सत्र में कृषि विधेयक पास करा चुकी है। इन विधेयकों का पंजाब-हरियाणा सहित कई प्रदेशों के किसान विरोध कर रहे हैं।

कांग्रेस का धरना
धरने पर बैठे कांग्रेसी विधायक।

उत्तराखंड के विधानसभा के एकदिवसीय मानसून सत्र में कृषि विधायकों के अलावा कई अन्य मुद्दों के विरोध में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्त्ता विधानसभा कूच करने पहुंचे। डिफेंस कॉलोनी गेट पर पुलिस ने आप कार्यकर्ताओं को defence colony बैरिकेडिंग कर रोक दिया।इस बीच आप कार्यकर्ताओं ने कई बार बेरिकेडिंग तोड़ने का प्रयास किया। पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच धक्क-मुक्‍की भी हुई।

वही प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि प्रदेश में बेरोजगारी चरम पर पहुंच चुकी है तो कोरोना संक्रमण की रफ्तार रुक नहीं रही है। सरकार इन दोनों ही मोर्चों पर पूरी तरह विफल है।

कोरोना के बीच राज्य मंत्री की सक्रियता पर उठाए सवाल:

उन्होंने सहकारिता व उच्च शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ धन सिंह रावत के कोरोना जांच होने के बावजूद कई स्थानों पर घूमने और बैठकें करने पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार की नीतियों के खिलाफ सड़क पर संघर्ष करने को मजबूर है। स्वास्थ्य सेवाएं हों, महंगाई हो या अन्य दिक्कतें आम जनता परेशान है। ऐसे में जनता की आवाज बुलंद कर रही कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर मुकदमें दर्ज किए जा रहे हैं, लेकिन सरकार के मंत्री कोविड-19 के प्रोटोकाल का पालन नहीं कर रहे हैं। कोरोना जांच कराने के बावजूद घूम रहे हैं। सरकार उन्हें रोकने से बच रही है। यह दोहरा मापदंड है। कांग्रेस इसका पुरजोर विरोध करती है।

वहीं, मंगलौर विधायक और कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव काजी निजामुद्दीन ने एक दिनी विधानसभा सत्र पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि विधानसभा सत्र में जनता के सवालों के जवाब मिलने चाहिए। इसलिए विधानसभा सत्र का समय बढ़ाया जाए। सरकार ने संवादहीनता कायम करने की कोशिश तो कांग्रेस न्याय की लड़ाई के लिए मजबूर हो जाएगी।