कांग्रेस के हुए खंडूड़ी, भाजपा को झटका
मीडिया लाइव, देहरादून: मोदी मैजिक के बूते उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव की नाव पर सवार भाजपा को बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने देहरादून में भाजपा की चुनौती को बड़ा जवाब दिया। आज शनिवार को देहरादून में पूर्व सीएम, पौड़ी सांसद और कद्दावर भाजपा नेता बीसी खंडूड़ी के पुत्र मनीष खंडूड़ी को कांग्रेस में शामिल करवाकर उन्होंने एक बड़ा संदेश दे दिया। दून से राहुल का दिया ये संदेश प्रदेश की पांच सीटों तक ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि राष्ट्रीय फलक पर भी उसके मायने निकाले जाएंगे। देहरादून के परेड मैदान पर पहुंचने के बाद राहुल गांधी ने मंचासीन नेताओं से परिचय प्राप्त किया। इसके बाद मंच से मनीष खंडूड़ी के कांग्रेस में शामिल होने की अधिकारिक घोषणा की गई। दोनों ने साथ में जनता का अभिवादन किया। इस के साथ ही विभिन्न पार्टियों और संगठनों से 15 अन्य लोग भी कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस में शामिल हुए। जिनमें केशर सिंह नेगी पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष पौड़़ी, आकाश कृषाली, सीमा कृषाली, सुभाष चौधरी, कुर्बान राय, सतीश कुमार, नत्थू सिंह, मोहम्मद यूनुस, नैन पाल सिंह, राजेश सिंह, तेजपाल, धनी लाल शाह, कवींद्र इष्टवाल, पीके अग्रवाल, लक्ष्मी अग्रवाल।
भाजपा में बेचैनी :- मनीष खंडूड़ी के इस कदम को भले ही बाहरी तौर पर भाजपा सामान्य मान रही हो, लेकिन अंदरखाने पार्टी में बड़ी बेचैनी है। मनीष के कांग्रेस में शामिल होने के बात बीते एक हफ्ते से चल रही है। जिसे लेकर भाजपा नेताओं के पेशानी पर बल पड़े हुए थे। आज के कार्यक्रम में मनीष के कांग्रेस में शामिल होने की आधिकारिक घोषणा से कुछ देर पहले तक डैमेज कंट्रोल की कोशिश की जा रही थी। चर्चा है कि खुद सीएम त्रिवेंद्र रावत समेत कुछ भाजपा नेता बीसी खंडूड़ी से बातचीत को गए थे।
मनीष के कांग्रेस में शामिल होने के मायने:- कांग्रेस में मनीष खंडूड़ी के शामिल होने के बड़े मायने हैं। माना जा रहा है कि कांग्रेस सी पौड़ी सीट से चुनाव मैदान में उतार सकती है। लेकिन अगर ऐसा नहीं भी हुआ तो दोनों स्थितियों में भाजपा को अपनी रणनीति में बदलाव करना होगा। बीसी खंडूड़ी को रक्षा समिति के अध्यक्ष पद से हटाए जाने को इस घटनाक्रम के पीछे प्रमुख कारण के रूप में देखा जा रहा है। चर्चा है सैनिकों की सुरक्षा से जुड़ी रिपोर्ट और राफेल सौदे जैसी अहम जानकारियां बीसी खंडूड़ी के पास हैं। जिन्हें चुनाव के दौरान इस्तेमाल किया जा सकतां है। जिसका असर उत्तराखंड के साथ ही देश में अन्य जगहों पर भी पड़ सकता है। हालांकि बेटे के कांग्रेस का हाथ थामने के बावजूद खंडूड़ी ने खुद को भाजपा के साथ बताया। जिससे पार्टी ने कुछ राहत की सांस ली है।