भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस मना रही है 136वां स्थापना दिवस
मीडिया लाइव: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अपना 136वां स्थापना दिवस मना रही है। देशभर में स्थापित पार्टी कार्यालयों में पार्टी का झंडा फहराया गया और इसके साथ ही तिरंगा रैली निकाली गई। Dehradun देहरादून स्थित राजीव भवन में प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह सहित कांग्रेस के तमाम पदाधिकारियों ने इस कार्यक्रम में शिरकत की। वहीं जिला मुख्यालयों और ब्लॉक मुख्यालयों में स्थित पार्टी कार्यालयों में भी झंडा रोहण कर पार्टी के अब तक के इतिहास के बारे में चर्चा की गई।

स्थापना दिवस के इस मौके पर मंडल मुख्यालय पौड़ी में जिला कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारियों ने कार्यक्रम आयोजित किया। वही श्रीनगर, कोटद्वार, पाबौ, थलीसैंण, बीरोंखाल, धुमाकोट, सतपुली, लैंसडाउन, रिखणीखाल सहित तमाम जगहों पर कांग्रेस के स्थापना दिवस को लेकर कार्यक्रम आयोजित किए गए। प्रदेश के सभी जिला मुख्यालय पर बड़ी तादाद में कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने पार्टी के गौरवशाली इतिहास पर चर्चा कर वर्तमान में पार्टी को मजबूत करने और संविधान को बचाने को लेकर चर्चाएं की। पार्टी के उन सभी दिवंगत नेताओं को याद किया गया जिन्होंने कांग्रेस की जड़ों को मजबूत करने और देश के लोकतंत्र को शक्तिशाली बनाने के प्रयास किए थे। इस मौके पर कांग्रेस के बुरे दौर को भी याद किया गया। लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं में जबरदस्त उत्साह और उम्मीद दिखाई दी।

कोटद्वार में कांग्रेस और कांग्रेस सेवा दल के कार्यकर्ताओं ने बड़ी संख्या में स्थापना दिवस के मौके पर रैली निकाली। इसके अलावा पार्टी कार्यालय में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भी कार्यकर्ताओं ने चर्चा की।

बता दें कि इस वक्त कांग्रेस अपने बहुत ही कमजोर और बुरे दौर से गुजर रही है। पिछले 7 सालों में देश की सबसे पुरानी सियासी पार्टी लगातार कमजोर होती चली गई।एक के बाद एक इस पार्टी के हाथ से बड़े से बड़े राज्यों से सरकार निकल गई। लगातार पार्टी का जनाधार खिसकता गया। 2022 में होने वाले उत्तराखंड राज्य विधानसभा के चुनाव के लिए पार्टी अब सक्रिय होती दिखाई दे रही है। बता दें कि 70 विधानसभा सदस्यों वाली उत्तराखंड विधानसभा में इस वक्त उत्तराखंड में महज 11 विधायक हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 70 में से 57 सीटें मिली थी। यह हार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लिए इस राज्य में बहुत बड़ा झटका थी। जिसकी पार्टी के रणनीतिकारों ने सपने में भी उम्मीद नहीं की थी। लेकिन कांग्रेस पार्टी आप तमाम अंतर्विरोध ओं से बाहर निकल कर पूरा फोकस आगामी विधानसभा चुनाव पर केंद्रित करना चाह रही है। जिसकी एक झलक शीतकालीन विधानसभा सत्र के दौरान विधानसभा घेराव के मौके पर देखी गई।