क्या ये सब सरकार गिराने या बचाने के लिए हो रहा है ?
मध्यप्रदेश की तरह अब राजस्थान सरकार पर भी कोई संकट आने वाला है ? ये चर्चाएं राजस्थान से लेकर दिल्ली के सियासी गलियारों में बड़ी तेजी से हो रही हैं.
कोरोना काल में लॉक डाउन से पहले और अब अनलॉक के दौरान जो कुछ सियासी तौर पर देखने को मिला वह भारतीय राजनीति में नया नहीं है लेकिन महत्वपूर्ण बात हो जाती है क्योंकि देश कोरोना और मुश्किल आर्थिक हालातों से गुजर रहा है. ऐसे में जो कुछ भी राज्यों में सरकार बनाने या गिराने को हो रहा है यह कितना सही और कितना गलत है इसका निर्णय लोगों को ही लेना है.
गौरतलब है कि कुछ माह पहले मध्य प्रदेश में जो कुछ हुआ और आज राजस्थान में जो कुछ हो रहा है, उनमें बहुत समानताएं हैं। तब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस के 22 विधायकों का इस्तीफा कराकर कमलनाथ सरकार को गिरा दिया था। विधायकों को पहले गुड़गांव और बाद में बेंगलुरू के होटल में ठहराया गया था। कमलनाथ के सामने तब युवा ज्योतिरादित्य सिंधिया थे तो अब गहलोत के सामने युवा डेप्युटी सीएम सचिन पायलट हैं। पायलट 3 दिनों से दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। दूसरी तरफ राजस्थान कांग्रेस के 24 विधायक शनिवार रात से ही गुड़गांव के ही मानेसर में एक बड़े होटल में रुके हुए हैं। कई विधायकों के मोबाइल फोन स्विच्ड ऑफ बताये जा रहे हैं.