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कोरोना संकट के नाजुक दौर में उत्तराखंड

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मीडियालाइव : उत्‍तराखंड के लिए ये बेहद नाजुक वक्‍त है। बाहरी राज्‍यों से प्रवासियों के लौटने का सिलसिला जारी है। इस पलायन ने कोरोना संक्रमण की चिंता को और बढ़ा दिया है। इससे पहले कि घर वापसी की स्थिति डरावनी शक्‍ल ले, इस चुनौती से निपटना होगा। अब तक राज्‍य में कोरोना पॉजीटिव मरीजों की मामूली तादाद ही थी। ऐसे सभी पॉजीटिव लोग बाहर से ही आए थे, लेकिन स्‍थानीय स्‍तर पर कोरोना का संक्रमण नहीं फैला था। जिसमें सरकार और प्रशासन के साथ ही इस काम में लगे कोरोना वारियर्स की अहम भूमिका रही। लेकिन जब से प्रवासियों की घर वापसी का सि‍लसिला शुरू हुआ है, कोरोना पॉजीटिव मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। बीते शनिवार को सबसे ज्‍यादा नौ कोरोना पॉजीटिव मामले सामने आए। जिससे कुल संक्रमितों की तादाद भी 90 का आंकड़ा पार कर गई। पिछले दस दिनों में 17 कोरोना पॉजीटिव मामले पाए गए हैं। स्‍वास्‍थ्‍य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक राज्‍य में बाहर से लौटे 14 हजार लोगों को होम क्‍वारंटीन किया गया है। जबकि लौटने वालों की तादाद इससे कहीं ज्‍यादा है। ऐसे में अब स्‍थानीय स्‍तर पर कोरोना संक्रमण के फैलने का खतरा बढ़ गया है। राज्‍य सरकार के साथ शासन प्रशासन को आला दर्जे की कोशिशें करनी होंगी। जाहिर है कि अभी तक क्‍वारंटीन सेंटर, होम क्‍वारंटीन और आईसोलेशन वार्ड जैसे इंतजाम नाकाफी ही साबित हुए हैं। कोरोना संक्रमण के मारक स्‍वभाव को देखते हुए जरा सी चूक राज्‍य के लिए भारी पड़ सकती है।

क्‍या है सरकार की रणनीति

प्रवासियों के लौटने के साथ कोरोना संक्रमण के फैलाव की रोकथाम जरूरी है। राज्‍य सरकार के दावे के मुताबिक अब तक 82 हजार से अधिक लोग विभिन्‍न राज्‍यों से उत्‍तराखंड में पहुंचे हैं। इसके लिए सरकार ने राज्‍य सीमाओं पर थर्मल स्‍कैनिंग और सैंपलिंग का इंतजाम किया है। यह जांच उधमसिंह नगर, पौड़ी, नैनीताल, हरिद्वार और देहरादून जिले में सीमा पर स्थित जांच चौकी पर की जा रही है। रैंडम सैंपलिंग के बाद रिपोर्ट आने तक प्रवासियों को होम क्‍वारंटीन या अलग से संस्‍थागत क्‍वारंटीन  करने का प्रावधान है। अगर ऐसे लोग क्‍वारंटीन नियमों का उल्‍लंघन करते हैं तो उनके खिलाफ आपदा प्रबंधन कानून और महामारी अधिनियम में उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।    

ग्रामीण इलाकों में क्‍वारंटीन व्‍यवस्‍था दम तोड़ रही

ग्रामीण इलाकों से क्‍वारंटीन किए गए लोगों को लेकर मिली जुली खबरें आ रही हैं। कहीं ग्राम प्रधानों के साथ प्रवासी सहयोग नहीं कर रहे हैं, तो कहीं प्रवासियों को लेकर स्‍थानीय लोग आशंका में डूब रहे हैं।  ऐसे टकराव के बीच क्‍वारंटीन और सोशल डिस्‍टेंसिंग के नियम कई जगहों पर टूट रहे हैं। जाहिर है कि इन हालात में प्रशासन की जिम्‍मेदारी और बढ़ जाती है। वहीं कई जगहों पर लोगों के बिना क्‍वारंटीन हुए घरों तक पहुंचने की भी खबरें हैं।

सरकार पर भरोसा करें मगर जागरुकता जरूरी

कोरोना संक्रमण की रोकथाम की दिशा में जागरुकता सबसे कारगर है। बचाव के इसी तरीके से संक्रमण के असर को कमतर किया जा सकता है। सोशल डिस्‍टेंसिंग, साफ सफाई, सैनिटाइजेशन, मास्‍क और दस्‍तानों का उपयोग बेहद जरूरी है। बेवजह इधर उधर आवाजाही और भीड़ भाड़ वाले इलाकों में जाने से परहेज करना होगा। अपने साथ ही आस पास के लोगों को भी जागरुक किया जाना चाहिए। सरकार की कोशिशें तभी सफल होंगी जब लोग जागरुकता के साथ नियमों का पालन करेंगे।