अंकिता भंडारी मर्डर केस पर आया फैसला, हत्या मामले में तीनों आरोपी दोषी करार
मीडिया लाइव, कोटद्वार : साल था 2022 तारीख 18 सितंबर। स्थान पौड़ी गढ़वाल जिले की यमकेश्वर तहसील का लक्ष्मणझूला क्षेत्र स्थित वनंत्रा रिजॉर्ट, जहां रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी की हत्या कर उसका शव चीला शक्ति नहर में फेंक दिया गया। घटना के एक हफ्ते बाद चीला नहर से शव बरामद हुआ। इस हत्याकांड की गूंज देश दुनिया के कौन कौन तक पहुंची।
आज यानी शुक्रवार 30 मई 2025 को उसी बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में कोटद्वार स्थित अपर जिला एवं सत्र न्यायालय (एडीजे कोर्ट) ने आज फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने तीनों आरोपियों पुलकित आर्य, उसके कर्मचारी सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को हत्या के मामले में दोषी करार दिया है। इन पर 302, 201, 354, जैसी गंभीर धाराओं के तहत दोष सिद्ध हुआ है। अभी अंतिम निर्णय कुछ ही देर में आएगा।
अदालत के फैसले पर पूरे उत्तराखंड सहित देश दुनिया में रह रहे भारतीय लोगों की निगाहें टिकी हुई थीं। कोटद्वार में इसके लिए पुलिस प्रशासन की ओर से बड़े पैमाने पर सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। जिसके लिए गढ़वाल मंडल के विभिन्न जनपदों से पुलिस फोर्स कोटद्वार बुलाई गई है। अदालत परिसर के बाहर की सड़कों पर बैरिकेडिंग लगाई गई है।
गौरतलब हो कि बीती 19 मई को अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता विशेष लोक अभियोजक अवनीश नेगी की ओर से बचाव पक्ष की बहस का जवाब देकर सुनवाई का सिलसिला समाप्त किया गया। अदालत ने दोनों पक्षों की बहस व दलीलें सुनने के बाद फैसला सुनाने के लिए 30 मई की तिथि तय की थी। कोटद्वार स्थित एडीजे कोर्ट में बता दें कि 30 जनवरी, 2023 को मामले की पहली सुनवाई शुरू हुई थी। एसआईटी जांच के बाद अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत में 500 पेज का आरोपपत्र दाखिल किया गया।
अंकिता के तीनों हत्यारोपियों वनंत्रा रिजाॅर्ट के मालिक पुलकित आर्य, उसके कर्मचारी सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता पर आरोप तय होने के बाद 28 मार्च, 2023 से अभियोजन पक्ष की गवाही शुरू हुई। करीब दो साल और आठ महीने तक चली सुनवाई में अभियोजन पक्ष की ओर से विवेचक समेत 47 गवाह अदालत में परीक्षित कराए गए। हालांकि एसआईटी ने इस मामले में 97 गवाह बनाए थे, जिनमें से 47 अहम गवाहों को ही अदालत में पेश कराया गया।
अदालत के फैसले को देखते हुए एसडीएम कोटद्वार सोहन सिंह सैनी ने अदालत परिसर के 200 मीटर के दायरे में धारा 163 लागू कर दी है। जिला प्रशासन ने कोटद्वार में चार और पौड़ी में एक मजिस्ट्रेट की तैनाती कर दी है। कोई भी व्यक्ति समूह में अदालत के 200 मीटर के दायरे में प्रवेश नहीं कर सकेगा। इसके साथ ही नारेबाजी, धरना
प्रदर्शन भी प्रतिबंधित कर दिया गया है।