लाभार्थियों के खातों में होगा सीधा भुगतान : डीएम

आपको बता दे कि राज्य सरकार यह तय कर चुकी है कि सरकार की सभी योजनाओं का कैश आधारित लाभ आम लोगो के खातों में पहुंचाया जाए. इसके तहत सभी विभागों को 1 जनवरी 2017 के बाद धनराशि उपलब्ध नहीं हो पाएगी। जिलाधिकारी ने बताया कि पीएफएमएस के अंतर्गत भारत सरकार से मिलने वाली धनराशि का आहरण वितरण विभागों द्वारा भी सीधे खतों में ही किया जाना है. इसके लिए विभागों में नोडल अधिकारी नामित होंगे। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विभाग का अपना लॉगइन होगा। इसकी देख रेख डीपीएमयू के माध्यम से कोषागार करेगी। जिसमें केंद्र सरकार से प्राप्त धन की मॉॅनिटरिंग भी पीएफएमएस के माध्यम से हो सकेगी। उन्होंने बताया कि 2008 से शुरू हुई योजना को अब पीएफएमएस का नाम दिया गया है। जिसके माध्यम से एजेंसी और लाभार्थियों का पंजीकरण किया जाएगा तथा एजेंसी मेकर व चेकर सिस्टम से लाभार्थियों को ई पेंमेंट के माध्यम से भुगतान किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसके लिए केंद्र स्तर पर हेल्पडेस्क नं 8899890000 तथा जिला स्तर पर पीएफएमएस अन्य पूछताछ के लिए 7060108653 पर जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
पब्लिक फाइनेंसियल मैनेजमैंट सिस्टम ( पीएफएमएस ) की जानकारी देते हुए मुख्य कोषाधिकारी लखेंद्र गोथियाल ने कहा कि केंद्र सरकार से मिलने वाली धनराशि का रखरखाव लेनदेन की व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही हैं उन्होंने विभागीय अधिकारियों से कहा कि भारत सरकार से मिलने वाली धनराशि का आहरण वितरण कोषागारों के माध्यम से होगा। इसके तहत एजेंसियों/लाभार्थियों का पंजीकरण किया जाएगा तथा बैंक खाते आधार सीडिंग के माध्यम से प्रत्यक्ष धनाहरण हो सकेगा। उन्होंने कहा कि सिस्टम से संबंधित जानकारियों के लिए कोषागार से संपर्क किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि पीएफएमएस की द्वितीय चरण का प्रशिक्षण 17 अक्टूबर को विकास भवन में होगा। जिसमें सभी विभागों के आहरण वितरण अधिकारियों के साथ ही सहायक लेखाकार एवं डाटा एंट्री आपरेटरों द्वारा प्रतिभाग किया जाएगा। प्रशिक्षण के दौरान दृश्य एवं श्रव्य के माध्यम से सिस्टम की जानकारी दीपक जोशी द्वारा दी गई। उन्होंने विस्तार से पीएफएमएस के क्रियांवयन की गतिविधियों से अवगत कराया। इस अवसर पर सीडीओ विजय कुमार जोगदंडे, डीडीओ वेद प्रकाश समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।