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सड़क न बनने से नेताओं और सरकार को कोष रहे ग्रामीण

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मीडिया लाइव, रुद्रप्रयाग : आजादी के अमृतकाल और उत्तराखंड राज्य के 23 वसंत भी जाने के बाद भी उत्तर्सू गाँव सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं की बाट जोह रहा है। पहाड़ के लोगों ने 23 वर्ष पहले जिस पहाड़ी राज्य को मांगा था उसके पीछे की मनसा गाँवों के लिए सड़क शिक्षा रोजगार जैसी बुनियादी सुविधाओं की मांग थी लेकिन आज भी राज्य के कई गाँव इन दो दशकों से भी ज्यादा वक्त बीत जाने के बाद भी इन्हीं बुनियादी सुविधाओं के लिए ग्रामीण संघर्ष कर रहे हैं। रुद्रप्रयाग जनपद का उत्तर्सू गांव इसका उदाहरण है। बीमार लोगों के अलावा गर्भवतियों को यहाँ डंडियों के सहारे अस्पताल पहुँचाया जाता है तो स्कूली नौनिहाल जंगली जानवरों के भय के साये में 6 किमी रोज स्कूल पैदल आते-जाते हैं।

ग्रामीण गुड्डी देवी, पूजा देवी, दिपिका देवी, वीर सिंह बिष्ट, राजेन्द्र नेगी आदि का कहना है कि चुनाव में नेता, विधायक, मंत्री हर बार सड़क का ख्वाब दिखाकर वोट ले जाते हैं, लेकिन पलट कर इस गांव की तरफ नहीं देखते। सड़क तो दूर की बात है यहाँ पैदल रास्ते तक चलने लायक नहीं हैं। वही रुद्रप्रयाग के विधायक भरत सिंह चौधरी ने कहा सड़क 2020 में ही गांव के लिए स्वीकृत हो गई थी लेकिन दूसरे गाँव का एक काश्तकार अपने खेत देने से मना कर रहा है, इसलिए सड़क निर्माण का कार्य आरंभ नहीं हो पा रहा है। जबकि लोक निर्माण विभाग सहायक अभियंता रुद्रप्रयाग संजीव सैनी, भी इसी बात को दोहरा रहे हैं।

लम्बे समय से उत्तर्सू के ग्रामीण सड़क की मांग कर रहे हैं, भले ही सड़क 2020 में स्वीकृति हो गई हो किन्तु तीन वर्षों से उसका निर्माण ना होना ग्रामीण के लिए सड़क की स्वीकृत होना ना होना एक समान है। ग्रामीणों का आरोप है की विभाग एक काश्तकार को समझने में नाकाम साबित हो रहा है जिस कारण न केवल उत्तर्सू गाँव सड़क से वंचित है बल्कि सड़क के अभाव में सभी विकास कार्यों से वंचित है। उन्होंने कहा इस बार पूरा गाँव लोक सभा चुनावों का बहिष्कार करेगा।।