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एक थी अंकिता : न्याय की मांग की आस में बीता एक साल !

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देहरादून : उत्तराखंड के चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड को आज 18 सितंबर को एक साल पूरा हो चुका है। दिवंगत अंकिता को न्याय की मांग को लेकर उसके माता पिता और परिजनों के साथ प्रदेश के कई सामाजिक सांस्कृतिक और राजनीतिक वआंदोलनकारी संगठनों का संघर्ष जारी है। इस दौरान आज प्रदेश में कई जगहों पर न्याय की मांग को लेकर रैलियां, श्रद्धांजली सभाएं आयोजित की गईं और शाम को कैंडल मार्च निकाले जाने हैं।

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पौड़ी के डोभ श्रीकोट गांव की रहने वाली अंकिता के लिए श्रीनगर में अंकिता की याद में स्थानीय पीपल चोरी में शोक सभा का आयोजन किया गया। शोक सभा में राज्य आंदोलनकारियों के साथ-साथ छात्र संगठन के नेता और सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद रहे। वहीं जिला मुख्यालय पौड़ी में कांग्रेस ने अंकिता को न्याय दिलाने की मांग को लेकर रैली निकाली।

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वहीं प्रदेश की प्रतिष्ठित सांस्कृतिक सामाजिक और भाषा और बोली साहित्य के लिए लंबे वक्त से काम कर रही संस्था धाद ने न्याय की मांग और प्रदेश में कानून व्यवस्था में सुधार करने के लिए सुझाव भी दिए हैं। साथ एक दिया अंकिता के नाम जैसी मुहिम भी चलाई है। जिसके लिए बाकायदा पोस्टर जारी किया गया है।

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वहीं देहरादून में संयुक्त राज्य आंदोलनकारी परिषद ने कैंडल मार्च का आह्वान किया है। जिसमें उनके साथ कई अन्य संगठन शामिल होंगे। इसके अलावा मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस इस गंभीर मुद्दे के साथ बड़ा जुलूस प्रदर्शन करने जा रही है।

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इस हत्याकांड के एक साल होने से ठीक एक दिन पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया के जरिए अंकिता के गांव के पास स्थित राजकीय नर्सिंग कॉलेज का नाम अंकिता भंडारी के नाम पर करने का ऐलान किया। जिस पर अंकिता के पिता के पिता की सहमति भी सामने आई है। लेकिन विपक्षी कांग्रेस ने अंकिता के हत्यारोपियों को मौत की सजा की मांग और इस मामले में चर्चित वीआईपी के नाम के खुलासे की की बात पर अडिग रहकर बीजेपी पर हमला बोला है। जिसे बीजेपी ने कांग्रेस को सियासत ना करने की नसीहत दी है।

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वहीं अंकिता के पिता बीरेंद्र भण्डारी ने कहा रुंधे गले से अपनी बेटी को याद करते हुए कहा कि इस साल मेरे बेटे यानी अंकिता भंडारी के भाई की कलाई सूनी रही। वीरेंद्र भंडारी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि एक साल पूरा होने के बाद भी मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में नहीं चलाया गया। एक माह में 3 दिन कोर्ट में बयानों को दर्ज किया जाता है।