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देहरादून में डेंगी पर वार की बड़ी तैयारी कितनी कारगर होगी !

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मीडिया लाइव, देहरादून : डेंगी को लेकर सवालों के घेरे में घिरी राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू से बचाव और रोकथाम के लिए नगर निगम देहरादून के 100 वार्डों में लार्वा नष्ट करने के लिए अभियान चलाने की योजना बनाई है। इसके लिए मच्छर का लार्वा नष्ट करने के लिए नगर निगम क्षेत्र के हर घर में टीम भेजी जाएगी। वहीं प्रत्येक कंटेनमेंट जोन में निगरानी के लिए नोडल अधिकारी तैनात किए जाएंगे।

राज्य सरकार पर डेंगू पर नियंत्रण करने में नाकामी के आरोप लग रहे हैं। इसको लेकर अभी मानसून सत्र में विपक्ष ने अहम सवाल उठाए थे। यहां तक कि स्वास्थ्य सचिव को खुद सरकारी अस्पतालों का निरीक्षण करने के लिए मैदान में उतरना पड़ा। सरकारी आंकड़ों के अलावा भी इस महामारी का बड़ा असर हो सकता है। राजधानी देहरादून में ही करीब 200 छोटी बड़ी पैथालॉजी लैब संचालित हैं। कुछ लैब से मीडिया लाइव की बात हुई जिसमें डेंगी के औसतन रोजाना 8 से 10 मामले पॉजिटिव निकलने की बात सामने आई है। वहीं निजी अस्पतालों में भी इसी रेसियो में डेंगू मरीज भर्ती हो रहे है। इसके इतर राहत वाली बात यह है कि जन्माष्टमी से पहले डेंगी पॉजिटिव आने वालों की संख्या 10 से 15 के बीच प्रतिदिन इन लैब्स में थी, जो अब कुछ हद तक घटती हुई नजर आ रही है।

दावा किया जा रहा है कि डेंगू की रोकथाम के लिए प्रदेश सरकार ने अब नया प्लान तैयार किया है। जिसमें कोविड की तरह डेंगू रोकथाम के लिए रणनीति बनाई गई है। एक ही जगह से डेंगू के 10 से अधिक मरीज मिलने पर माइक्रो कंटेनमेंट जोन घोषित किए जाएंगे। जहां पर प्रत्येक घर में लार्वा नष्ट करने के लिए सफाई अभियान के साथ फॉगिंग की जाएगी।

प्रत्येक कंटेनमेंट जोन में निगरानी के लिए नोडल अधिकारी नामित होंगे। देहरादून में रोजाना डेंगू के मामले बढ़ने पर नगर निगम के 100 वार्डों में रोकथाम के लिए नए प्लान पर काम होगा। प्रदेश में अब तक डेंगू मरीजों की संख्या 1130 पहुंच गई है। इसमें 655 मामले देहरादून जिले के हैं। हालांकि ये आंकड़े कब से कब तक के हैं यह बात साफ नहीं की गई है।

जबकि करीब पिछले दो महीने से तमाम अस्पतालों और नर्सिंग होम और क्लीनिकों में मरीजों की भारी भीड़ देखी गई। होटल चलाने वाले एक सरकारी अस्पताल से डिस्चार्ज हो कर आए एक डेंगी मरीज ने बताया कि यह महामारी बेहद परेशान करने वाली है। अस्पताल में उनके वार्ड से ही दो-तीन लोग डेंगी से अपनी जान गंवा बैठे। अस्पतालों का मंजर बेहद खौपनाक है। उन्हें बेड मिलने में बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ा।उनके मुताबिक उनकी प्लेटलेट्स 10,000 के करीब पहुंच गई थी।